Mara Ghat Ma Birajta Shrinathji by jivandarshan

म्हारा घट मा बिराजता,श्रीनाथजी यमुनाजी महाप्रभुजी,म्हारो मनड़ो है गोकुल वृन्दावन,म्हारे तन रो आंगणियों है तुलसी नवल,म्हारा प्राण जीवन, मारा घट मा बिराजता,श्रीनाथजी यमुनाजी महाप्रभुजी ॥म्हारे

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bhajan Shri Man Narayan Narayan by jivandarshan

श्रीमन नारायण नारायण ,हरी हरीश्रीमन नारायण नारायण, हरी हरी – 2 तेरी लीला सबसे न्यारी न्यारी, हरी हरीतेरी लीला सबसे न्यारी न्यारी ,हरी हरी –

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Khatu Shyamji Aarti lyrics hindi by jivandarshan

ॐ जय श्री श्याम हरे,बाबा जय श्री श्याम हरे ।खाटू धाम विराजत,अनुपम रूप धरे॥ॐ जय श्री श्याम हरे,बाबा जय श्री श्याम हरे । रतन जड़ित

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Shantakaram Bhujagashayanam Vishnu Stuti by jivandarshan

॥ विष्णु स्तुति-शान्ताकारं मंत्र ॥ शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशंविश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम् । लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यंवन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम् ॥ यं ब्रह्मा

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Om Jai Shiv Omkara-Shiv Aarti by jivandarshan

हिन्दू धर्म में संहार के देवता शिव की स्तुति है। इसकी रचना पंडित श्रद्धाराम फिल्लौरी ने थी।वास्तव में यह आरती त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु, एवं शिव)

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Shiv Panchakshar Stotram hindi by jivandarshan

॥ श्रीशिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम् ॥नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनायभस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।नित्याय शुद्धाय दिगम्बरायतस्मै नकाराय नमः शिवायमन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चितायनन्दीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय ।मन्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजितायतस्मै मकाराय नमः शिवायशिवाय गौरीवदनाब्जबृंदासूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय ।गणनायकाय गणदेवताय: Ganeshji vandana (Gananaykay Gandevatay )श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजायतस्मै

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Ganesh ji vandana Gananaykay Gandevatay by jivandarshan

गणनायकाय गणदेवताय गणाध्यक्षाय धीमहि ।गुणशरीराय गुणमण्डिताय गुणेशानाय धीमहि ।गुणातीताय गुणाधीशाय गुणप्रविष्टाय धीमहि ।एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि ।गजेशानाय भालचन्द्राय श्रीगणेशाय धीमहि ॥गानचतुराय गानप्राणाय गानान्तरात्मने,गानोत्सुकाय गानमत्ताय गानोत्सुकमनसे

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holi and mahashivratri by jivandarshan

हिन्दी पंचांग का आखिरी बारहवां महीना फाल्गुन शुरू हो गया है। मार्च महीने में महाशिवरात्रि और होलिका दहन, ये दो बड़े पर्व मनाए जाएंगे, इनके

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Kanakadhara Stotram by jivandarshan

कनकधारा स्त्रोत का नियमित पाठ करने से धन प्राप्ति होती है।अङ्गं हरेः पुलकभूषणमाश्रयन्तीभृङ्गाङ्गनेव मुकुलाभरणं तमालम् ।अङ्गीकृताखिलविभूतिरपाङ्गलीलामाङ्गल्यदास्तु मम मङ्गलदेवतायाः ॥१॥ मुग्धा मुहुर्विदधती वदने मुरारेःप्रेमत्रपाप्रणिहितानि गतागतानि ।माला

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Satyanarayan Katha pancham Adhyay by jivandarshan

सूत जी बोले: हे ऋषियों ! मैं और भी एक कथा सुनाता हूँ, उसे भी ध्यानपूर्वक सुनो! प्रजापालन में लीन तुंगध्वज नाम का एक राजा

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Shri Satyanarayan Katha Chaturth Adhyay by jivandarshan

सूतजी बोले: वैश्य ने मंगलाचार कर अपनी यात्रा आरंभ की और अपने नगर की ओर चल दिए। उनके थोड़ी दूर जाने पर एक दण्डी वेशधारी

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