Ratno ka chunav kaise kare in hindi

रत्नों का चुनाव कैसे करें ?(Ratno ka chunav kaise kare in hindi)

Ratno ka chunav kaise kare in hindi-आपकी कुण्ड़ली में चन्द्र जिस राशि में पड़ा हो वह आपकी राशि कहलाती है इस राशि के स्वामी का रत्न धारण करना श्रेष्ठ रहता है क्योंकि चन्द्र जिस राशि में पड़ा हो उसे लग्न की तरह ही माना जाता है।

अतः राशि का नंग पहनना व्यक्ति को सफलता अर्जित कराता है तथा गोचर में ग्रहों केके बुरे प्रभाव से सुरक्षा करता है।

राशि के अनुसार रत्न चयन
क्र.स. राशि नाम के प्रथम अक्षर राशि का स्वामी शुभ रत्न
1 मेष चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ मंगल मुंगा
2 वृष ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो शुक्र हीरा
3 मिथुन का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह बुध पन्ना
4 कर्क ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो चंद्र मोती
5 सिंह मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे सूर्य माणिक
6 कन्या ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो बुध पन्ना
7 तुला रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते शुक्र हीरा
8 वृश्चिक तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू मंगल मूंगा
9 धनु ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे गुरू पुखराज
10 मकर भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी शनि नीलम
11 कुंभ गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा शनि नीलम
12 मीन दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची गुरू पुखराज

रत्न की अंगुठी कैसे तथा कब धारण करें ?

आजकल जन्म तारीख के अनुसार भी रत्न धारण करवाया जा रहा है इसे बर्थ स्टोन कहते है।

जन्म दिनांक के अनुसार रत्न चयन
जन्म तारीख सुर्य की राशि उपयुक्त रत्न चयन
15 अप्रेल से 14 मई तक मेष मूंगा
15 मई से 14 जुन तक वृष हीरा
15 जुन से 14 जुलाई तक मिथुन पन्ना
15 जुलाई से 14 अगस्त तक कर्क मोती
15 अगस्त से 14 सितम्बर तक सिंह माणिक्य
15 सितम्बर से 14 अक्टुबर तक कन्या पन्ना
15 अक्टुबर से 14 नवम्बर तक तुला हीरा
15 नवम्बर से 14 दिसम्बर तक वृश्चिक मूंगा
15 दिसम्बर से 14 जनवरी तक धनु पीला पुखराज
15 जनवरी से 14 फरवरी तक मकर निलम
15 फरवरी से 14 मार्च तक कुंभ गोमेद
15 मार्च से 14 अप्रेल तक मीन लहसुनिया

आजकल जन्मांक के आधार पर भी रत्न पहनाया जाता है।

जन्म तिथि को जोड़कर पहले जन्मांक निकालते है फिर उसके स्वामी ग्रह के अनुसार रत्न धारण करवायाकरवाया जाता है।

अगर जातक की राशि के अनुसार तथा जन्मांक से एक ही रत्न बनता है तो वह जातक के लिए अधिक लाभप्रद तथा फलदायक माना जाता है

जन्मांक के अनुसार रत्न चयन
जन्म दिनांक जन्मांक स्वामी ग्रह उपयुक्त रत्न चयन
1-10-19-28 1 सूर्य माणिक
2-11-20-29 2 चंद्रमा मोती
3-12-21-30 3 गुरू  पीला पुखराज
4-13-22-31 4 युरेनस गोमेद
5-14-23 5 बुध पन्ना
6-15-24 6 शुक्र हीरा
7-16-25 7 नैपच्युन लहसुनिया
8-17-26 8 शनि नीलम
9-18-27 9 मंगल मूंगा

जन्म कुण्ड़ली में प्रथम घर जो होता है उसे लग्न कहा जाता है तथा उसमें स्थित राशि को लग्न कहते है।

लग्न जातक के व्यक्तित्व के बारे में बतलाता है सबसे श्रेष्ठ रत्न चयन में लग्न की प्रमुख भुमिका रहता है।

यदि व्यक्ति की जन्म कुण्ड़ली बनी हुई होतो  ज्योतिष को दिखाकर लग्न के अनुसार ही रत्न का चयन करना चाहिए।

राशि के अनुसार,बर्थ स्टोन के अनुसार तथा जन्मांक के अनुसार रत्न चयन तब करना चाहिये जब आपकी जन्म कुण्ड़ली बनी हुई न हो।

पहले रत्न को कपड़े में बाँधकर अपनी बॉह पर 24 घण्टे के लिए बॉधना चाहिये

यदि  रत्न बॉह में बॉधने से व्यक्ति को कोई भी मानसिक या अन्य परेशानी से नही गुजरना पड़े तथा मन में प्रसन्नता हो

तथा शुभ समाचार मिलने लगे तो मानना चाहिये की रत्न आपके लिए शुभ है।

यदि आप लग्नेश,पंचमेस एवं भाग्येश के रत्न जीवन भर धारण कर सकते है।

इन रत्नों को धारण करने से जीवन में आने वाली बाधाओं से रक्षा,भाग्योदय तथा प्रारब्ध के फल मिलने प्रारम्भ हो जाते है।

विभिन्न लग्नों के लिए लग्नेश,पंचमेश व भाग्येश अलग-अलग होते है तथा उनकों पहनने से क्या लाभ होते है वह मैं अन्य लेख में बताऊंगा।

दशा-अंतर्दशा व गोचर में लाभ प्राप्त करने के लिये जो रत्न पहने जाते है उन्हें कार्य पुरा होने पर उतार देना चाहिये।

प्रत्येक लग्न के लिए कौनसे रत्न लाभकारी है वह मैं अन्य लेख में बताऊंगा। रत्न कितनी रत्ती का धारण करे वह भी मैं अन्य लेख में बताऊंगा।

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