श्लोक 40 क्या प्राचीन परम्पराओं का पालन करना ही धर्म है ? कुलक्षये प्रणश्यन्ति कुलधर्माः सनातनाः। धर्मे नष्टे कुलं कृत्स्नमधर्मोऽभिभवत्युत।। 40।। अर्थः- कुल का नाश

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