ॐ जय श्री श्याम हरे,बाबा जय श्री श्याम हरे।खाटू धाम विराजत,अनुपम रूप धरे॥ॐ जय श्री श्याम हरे…॥ रतन जड़ित सिंहासन,सिर पर चंवर ढुरे ।तन केसरिया
ॐ जय श्री श्याम हरे,बाबा जय श्री श्याम हरे।खाटू धाम विराजत,अनुपम रूप धरे॥ॐ जय श्री श्याम हरे…॥ रतन जड़ित सिंहासन,सिर पर चंवर ढुरे ।तन केसरिया