रे होली है रे, होली है रे होली है…. गाओं का सारा लोग लुगाई लगा डू प्रेम का गुलाल भंग भंग भंग पिलो पचा के
रे होली है रे, होली है रे होली है…. गाओं का सारा लोग लुगाई लगा डू प्रेम का गुलाल भंग भंग भंग पिलो पचा के
होली भजन- श्री कृष्ण भजन आज बृज में होली है रे रसिया,होरी रे रसिया,बरजोरी रे रसिया,आज बृज में होली है रे रसिया।। घर घर से ब्रज बनिता
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं || कौन कहता है भगवान आते नहीं तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं,