अध्याय प्रथम श्लोक 36 से 37 क्या अर्जुन के मन में पक्षपात करने की भावना थी ? निहत्य धार्तराष्ट्रान्नः का प्रीतिः स्याज्जनार्दन। पापमेवाश्रयेदस्मान्हत्वैतानाततायिनः।।36।। अर्थः- हे

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चाणक्य ने बताई हैं वे परिस्थितियां जो बताती हैं कि मित्र अच्छा है या बुरा… व्यक्ति को आने वाली मुसीबतों से निबटने के लिए धन

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अध्याय प्रथम श्लोक 35 क्या अहिंसा का पालन सबको करना चाहिये ? एतान्न हन्तुमिच्छामि घ्नतोऽपि मधुसूदन। अपि त्रैलोक्यराज्यस्य हेतोः किं नु महीकृते।।35।। अर्थः- हे मधुसुदन

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shrimad bhagwat geeta in hindi

shrimad bhagwat geeta in hindi-अध्याय प्रथम श्लोक 33 से 34 अर्जुन युद्ध क्यों नहीं करना चाहता था ? येषामर्थे काङ्क्षितं नो राज्यं भोगाः सुखानि च।

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krishna arjun jivandarshan

अध्याय प्रथम श्लोक 31 से 32 मैं लक्षणों को भी विपरीत ही देख रहा हूं ऐसा अर्जुन ने क्यों कहां ? निमित्तानि च पश्यामि विपरीतानि

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अध्याय प्रथम श्लोक 27 के उत्तरार्ध से श्लोक 30 तक युद्ध में अर्जुन कांपने लगा तथा उसके हाथ से धनुष भी गिर गया क्यों ?

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अर्जुन में करूणा उत्पन्न होना गलत कैसे है ?(bhagvad geeta ka updesh in hindi)

अध्याय प्रथम (bhagvad geeta ka updesh in hindi) श्लोक 26 से 27 तत्रापश्यत्स्थितान्पार्थः पितृ़नथ पितामहान्। आचार्यान्मातुलान्भ्रातृ़न्पुत्रान्पौत्रान्सखींस्तथा।।26।। श्वशुरान्सुहृदश्चैव सेनयोरुभयोरपि। तान्समीक्ष्य स कौन्तेयः सर्वान्बन्धूनवस्थितान् ||27 का पूर्वार्ध||

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swami Vivekananda in hindi

swami Vivekananda in hindi-1) अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करो | और सभी दूसरे विचार को अपने दिमाग से निकाल दो यही सफलता की पूंजी

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fearless in hindi by jivandarshan

be-fearless fearless in hindi – हमारी सबसे बड़ी बीमारी डर है…डर कोई भुत से नहीं…डर किसी व्यक्ति से नहीं…डर तो कुछ ओर ही है…जिसने हमारी

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