राशि अक्षर :- म,मा,मि,मू,मे,मो,मं,ट,टा,टी,टू,टे
प्रकृति एंव स्वभाव : इनकीं प्रवृति शेर की तरह होती है ये प्रबल इच्छा शक्तिवाले होते है चुनौतियों को सदैव स्वीकार करते है तथा उनका सामना करने वाले होते है अनेक विघ्न बाधाओं के आने पर भी उनका सामना करते है तथा लक्ष्य को पाकर ही चैन लेते है ।
यह दयावान और वीर होते है तथा इनकीं प्रकृति लोगो को क्षमा कर देने ही होती है । यह स्वतंत्र विचारधारा वाले तथा शीघ्र निर्णय लेने वाले होते है । यह देखने में विनम्र दिखते है परन्तु शीघ्र ही क्रोधित हो जाते है ।
यह योग्य व्यक्तियों तथा माता-पिता का आदर करने वाले होते है । इनकें मन में सदैव प्रसिद्धि की इच्छा बनी रहती है । यह पुराने तरीको को ढंग से लोगो को बताना चाहते है कि उनका पुराना आकार कायम रहे परन्तु देखने में नवीन लगे ।
इनमें बहुत ज्यादा आकर्षण होता है लोग बिना किसी लालच में इनकें अनुयायी बन जाते है । यह उदार ह्दय के होते है परन्तु अपने स्वार्थ का बराबर ध्यान रखते है । यह शीघ्रता से अप्रसन्न हो जाने वाले , समाज और देश के प्रति वफादार होते है ।
यह जहां तक सम्भव हो लोगो की सहायता करते है । कंजुस प्रवृति के होने पर भी अवसर आने पर खर्च करने में पीछे नहीं रहते है । इनमें अवसर को समझने का गुण होता है जैसा अवसर हो वैसे बन जाते है । अपनी मान-मर्यादा की रक्षा के लिए वह बड़े से बड़ा तथा छोटे से छोटा काम करने को तैयार हो जाते है यह खाने पीने के बहुत शौकिन होते है अत: भेदभाव का अधिक ध्यान न रखकर भोजन ग्रहण करने की प्रवृति होती है।
यह भ्रमणशील प्रकृति के होते है अर्थात स्थान-स्थान पर भ्रमण करने की इच्छा रखने वाले होते है । ठंड से इन्हें भय लगता है यह गहरी से गहरी मित्रता भी क्षणिक आवेश में आकर छोड़ बैठते है अत: अनेक मित्रो की चाहत रखने वाले होते है ।
कभी-कभी कुछ व्यसन भी रखते है । यह स्वतंत्र आचार-विचार वाले, स्वाभिमानी,धर्म और शास्त्रों में रूचि रखने वाले, सभी धर्मों में आस्था रखने वाले तथा मानव धर्म को प्रमुख मानने वाले होते है । यह जीवन में एक बार अपनी मन मर्जी से काम कर नुकसान जरूर उठाते है ।
- सिंहराशि के व्यक्तियों को अपना जीवन सुखी-समृद्ध व शांत बनाये रखने के लिए लाल-किताब में बताये गए निम्न उपाय करने चाहिए :-
- लोगो को चावल,चांदी तथा दूध का दान करे ।
- बिना मूल्य चुकाए ,मुफ्त में कोई वस्तु ना ले ।
- अखरोट व नारीयल का तेल धर्म स्थानों में चढ़ावे।
- अंधे व्यक्ति को भोजन करवाए ।
- सदा सत्य बोले तथा किसी का अहित न करे ।
- अपने वादे को निभाए ।
- साला,दामाद एवं भांजे की सेवा करे ।
- चांदी हमेशा अपने पास रखे ।
- चांदी का चौकोर सिक्का ज़मीन में गांढे ।
- रात्री में चुल्हे की आग को दूध से बुझावे।
- मीठा खाकर ही कोई भी शुभ कार्य प्रारम्भ करे ।
- रात्री में रोटी का टुकड़ा आग मे डालकर जलावे ।
जातक घर के अंतिम हिस्से के बांयी औऱ के कमरे में अंधेरा रखे । घर में हैण्ड़ पम्प लगावे । माता व दादी की सेवा कर कृपा प्राप्त करे । शराब-मांस आदि का सेवन नहीं करे । लाल बन्दरो को गुड़ चना खिलाये।