ज्योत से ज्योत जगाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो ज्योत से ज्योत जगाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो राह में आये जो दिन

हर घर भगवा छाएगा राम राज्य अब आएगा कर दो जा के ये ऐलान भगवा रंग मेरी पहचान हम हिन्दू जगाने आये है हम हिन्दू

अरे द्वारपालो कन्हैया से कह दो (Are Dwar Palo bhajan Lyrics In Hindi) अरे द्वारपालो कन्हैया से कह दो के दरपे सुदामा गरीब आ गया

मनिहारी का भेस बनाया , श्याम चूड़ी बेचने आया । छलिया का भेस बनाया ,श्याम चूड़ी बेचने आया । झोली कंधे धरी इसमें चूड़ी भरी गलियों में शोर

नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की हे आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल कीनन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की जय

छोटी छोटी गैया छोटे छोटे ग्वालछोटो सो मेरो मदन गोपाल आगे आगे गैया पीछे पीछे ग्वालबिच में मेरो मदन गोपालछोटी छोटी गैया छोटे छोटे ग्वाल….

जय कुबेर स्वामी, प्रभु जय कुबेर स्वामी,हे समरथ परिपूरन ।हे समरथ परिपूरन । हे अन्तर्यामी ॥॥ ॐ जय कुबेर स्वामी ॥प्रभु जय कुबेर स्वामी.. जय

महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि ।हरि प्रिये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं दयानिधे ॥ पद्मालये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं च सर्वदे ।सर्वभूत हितार्थाय, वसु सृष्टिं सदा कुरुं ॥ ॐ जय लक्ष्मी

॥अथ श्री देव्याः कवचम्॥ ॐ अस्य श्रीचण्डीकवचस्य ब्रह्मा ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, चामुण्डा देवता, अङ्गन्यासोक्तमातरो बीजम्, दिग्बन्धदेवतास्तत्त्वम्, श्रीजगदम्बाप्रीत्यर्थे सप्तशतीपाठाङ्गत्वेन जपे विनियोगः। ॐ नमश्चण्डिकायै। ॥मार्कण्डेय उवाच॥ ॐ

कलियुगमें कामनाओंकी सिद्धि-हेतु उपाय- मां दुर्गा के 108 नाम (Maa durga ke 108 naam hindi) ऊँसती,साध्वी,भवप्रीता,भवानी,भवमोचनी,आर्या,दुर्गा,जया,आद्या,त्रिनेत्रा,शूलधारिणी,पिनाकधारिणी,चित्रा, चंद्रघंटा,महातपा,मन,बुद्धि,अहंकारा,चित्तरूपा,चिता,चिति,सर्वमंत्रमयी,सत्ता,सत्यानंदस्वरुपिणी,अनंता, भाविनी,भाव्या,भव्या,अभव्या,सदागति,शाम्भवी,देवमाता,चिंता,रत्नप्रिया,सर्वविद्या,दक्षकन्या,दक्षयज्ञविनाशिनी, अपर्णा,अनेकवर्णा,पाटला,पाटलावती,पट्टाम्बरपरिधाना,कलमंजरीरंजिनी,अमेयविक्रमा,क्रूरा,सुंदरी,सुरसुंदरी, वनदुर्गा,मातंगी,मतंगमुनिपूजिता,ब्राह्मी,माहेश्वरी,ऐंद्री,कौमारी,वैष्णवी,चामुंडा,वाराही,लक्ष्मी,पुरुषाकृति, विमला,उत्कर्षिनी,ज्ञाना,क्रिया,नित्या,बुद्धिदा,बहुला,बहुलप्रिया,सर्ववाहनवाहना,निशुंभशुंभहननी, महिषासुरमर्दिनी,मधुकैटभहंत्री,चंडमुंडविनाशिनी,सर्वसुरविनाशा,सर्वदानवघातिनी,सर्वशास्त्रमयी, सत्या,सर्वास्त्रधारिणी,अनेकशस्त्रहस्ता,अनेकास्त्रधारिणी,कुमारी,एककन्या,कैशोरी,युवती,यति, अप्रौढ़ा,प्रौढ़ा,वृद्धमाता,बलप्रदा,महोदरी,मुक्तकेशी,घोररूपा,महाबला,अग्निज्वाला,रौद्रमुखी, कालरात्रि,तपस्विनी,नारायणी,भद्रकाली,विष्णुमाया,जलोदरी,शिवदुती,कराली,अनंता,परमेश्वरी,कात्यायनी,सावित्री,प्रत्यक्षा,ब्रह्मावादिनी।

॥दोहा॥श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन हरण भवभय दारुणं ।नव कंज लोचन कंज मुख कर कंज पद कंजारुणं ॥१॥ कन्दर्प अगणित अमित छवि नव नील नीरद सुन्दरं

संतोषी माता व्रत कथा:-Santoshi Mata KI Vrat Katha hindi एक बुढ़िया थी, उसके सात बेटे थे। 6 कमाने वाले थे जबकि एक निक्कमा था। बुढ़िया