slip disc symptoms in hindi-आज की भागम भाग की जीवन शैली में स्लीप डिस्क (डिस्क प्रोलेप्स) या लम्बर स्पोडोलाइटिस से लगभग 90 ( नब्बे ) प्रतिशत लोगों को अपनी जीवन काल में रूबरू होना पड़ रहा हैं।
यह रोग अक्सर 25 से 45 वर्ष के युवा वर्ग में ज्यादा हो रहा हैं।
कमर में होने वाले इस रोग को लम्बर स्पोडिलाईटिस स्लीपडिस्क या रीड़ के छल्ले खिसकना के नाम से आम जनता में जाना जाता हैं।
इस रोग के लक्षण आयुर्वेद शास्त्र में वर्णित गृध्रसी (सियाटिका) से मिलते जुलते हैं तथा कारण भी समान ही हैं।
चिकित्सा में गृध्रसी की चिकित्सा से स्लीपडिस्क में अच्छा लाभ मिलता हैं तथा इस रोग में भी गृध्रसी नाडी (सियाटिका नर्व) प्रभावित होती हैं।
आचार्य चरक ने चरक संहिता में चिकित्सा अध्याय 8 के श्लोक 56 में गृध्रसिका वर्णन करते हुये लिखा हैं
एक विशेष प्रकार की पीड़ा जो स्फिक् प्रदेश क्रमशः कटि के पिछले भाग ऊरू जानु पिण्ड़ली तथा पैर के पंजे तक जाती हैं उसे गृध्रसी कहते हैं।
जिसके कारण टांगों में जकडाहट पीड़ा सुई के समान चुभन एवं फड़कन होती हैं। यह वातिक गृध्रसी के लक्षण हैं।
इसके अतिरिक्त वातकफ जन्य गृध्रसी इन लक्षणों के साथ तंद्रा, भारीपन, तथा अरोचकता आदि लक्षण और मिलते हैं।
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कारण – रूक्ष शीत लधु अन्न सेवन, अति जागरण, विबन्ध (कब्ज), आटोप, (पेट में अफारा) आदि से वात का प्रकृपित होना या स्थानिक नाडी पर चोट लगने से वात प्रकृपित होकर इस रोग की उत्पत्ति होती हैं।
इस रोग में पीडित व्यक्ति को जिस पैर में पीडा हो उसे लिटाकर पैर को उपर उठाने को कहें तो वह पैर पूरा नहीं उठा पाता हैं उससे कटि प्रदेश में तीव्र पीडा होती हैं। यइ इस रोग का परिक्षण भी हैं।
स्लिप डिस्क के कारण –
1. गलत तरीके से अनायास आगे झुकना गलत पोश्चर (मुद्रा) में खडे होने व गलत पोश्चर (मुद्रा) में बैठने से रीढ के छल्लों एवं वहां की मांसपेशियों सियाटिका नर्व पर खिंचाव आने से।
2. रीढ के छल्लों एवं डिस्क में टूटफूट आ जाने के कारण वहां की नसों पर दबाव पडने के कारण।
3. कमर में मौजूदा नाडी तंत्र का उम्र के हिसाब से संकरा होना
4. रीढ में गंभीर चोट लग जाने के कारण
5. कुर्सी पर या एक ही स्थिति में लगातार बैठकर काम करने के कारण
6. जन्मजात कमर (स्पाईन) की विकृति के कारण
7. मानसिक चिंताओं एवं संक्रमण जन्य, क्षय रोग पीडित हो जाने के कारण
8. शरीर का वजन अधिक होने के कारण
9. पेट की खराबी एवं कब्ज के कारण
10. विश्राम की कमी एवं अनियमित दिन चर्या के कारण
11. उबड खाबड एवं गड़्ड़ों युक्त सड़क पर वाहन चलाते समय झटका लगने के कारण
स्लिप डिस्क के लक्षण –
1. चलने खडे होने पर पैरों में थकान की अनुभूति हो ज्यादा देर तक बैठे रहने में असमर्थता
2. दर्द कमर से लेकर पैरों की अंगुलियों तक टीस मारते हुये होता हैं। पैरों में क्रम्पस (बाईटे) आना
3. तेज छींक ने खांसने पर अगर कमर के हिस्सों एवं पैरों में दर्द की शिकायत हो
4. पैरों के तलवे गददीनुमा महसूस हो पैरों में एवं अंगुलियों में सूनापन हो
5. कार्य क्षमता में कमी महसूस होना
वैद्य रवीन्द्र गौतम मो. 9414752038
आयुर्वेद चिकित्साधिकारी
आयुर्वेद – विभाग ,राजस्थान – सरकार