vastu tips for home in hindi-ऐसा देखा गया है कि व्यक्ति नया मकान बनवाता है और जब उसमें रहने लगता है तब पहले से उसका जीवन जो चल रहा है उसमें उतार-चढ़ाव आता है ।
क्या आपके मकान में वास्तु दोष तो नहीं… ?vastu tips for home in hindi
कोई तो सफलता की सीढ़ीयाँ चढ़ने लगता है तो वहीं किसी का जीवन मुसीबतों से घिर जाता है।
मकान बनाने में वास्तु नियमों का पालन नहीं होने पर घर में नकारात्मक उर्जा बढ़ जाने से घर में खुशी एवं प्रसन्नता समाप्त हो जाती है ।
घर में हमेशा कोई ना कोई बीमार रहता है तथा हमेशा कलह व तनाव बना रहता है ।
व्यक्ति अनेक समस्याओं से घिरा रहता है, आत्महत्या करने की इच्छा होती है,कर्जदार बन जाता है
,कितना भी कमालो पर उसको बरकत नहीं मिलती व व्यक्ति गरीबी में जीवन यापन करने लगता है ।
उसके पुत्र तथा पुत्री गलत राह पर चले जाते है । दामपत्य जीवन में तनाव आ जाता है ।
सरकार की ओर से नोटिस मिलने लगते है तथा उसका कोर्ट में कोई ना कोई मुकदमा चलता ही रहता है ।
पड़ोसियों एवं रिश्तेदारों से सम्बन्ध खराब होने लगते है।
आजीविका खतरें में आ जाती है । घर में चोरी या अन्य प्रकार की आकस्मिक दुर्घटना होती है अकाल मृत्यू भी संभव है।
व्यक्ति हीन भावना से ग्रस्त रहता है यदि ये सभी समस्याएं आपके नए मकान में रहने के बाद आती है
तो यकीन मानिए की आपके मकान निर्माण में वास्तु नियमों का पालन नहीं हुआ है।
व्यक्ति मकान का नक्शा बनवाने में इंजीनियर को तथा मकान सुंदर बनवाने में आर्केटिक पर काफी खर्च कर देते है
परन्तु किसी वास्तुशास्त्री की राय लेना आवश्यक नहीं समझते।
यदि नक्शे को वास्तुशास्त्री को दिखाकर उसकी राय भी ले ली जाय तो व्यक्ति मकान में वास्तुनियमों का पालन कर सकारात्मक उर्जा भर सकता है ।
तथा सारी परेशानियों से निजात पा सकता है ।
मकान बनाते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो मकान में सकारात्मक उर्जा में वृद्धि की जा सकती है…..
मकान बनाते समय इन बांतो का ध्यान रखे-
1) पूजन कक्ष ईशान कोण में बनवाएं।
2) रसोइघर को आग्नेय कोण में बनवाएं।
3) बालकनी उत्तर-पूर्व दिशा में बनवाएं।
4) अध्ययन कक्ष उत्तर-पूर्व में बनवाएं।
5) बिजली का मेन स्वीच दक्षिण-पूर्व में होना चाहिए।
6) पानी का टंकी उत्तर-पश्चिम में होनी चाहिए।
7) सीढ़ी को उत्तर-पूर्व दिशा को छोड़कर दुसरी जगह बनवाना चाहिए।
8) स्नानघर का निर्माण पश्चिम और दक्षिण दिशा में होना चाहिए।
9) अन्य भण्डारगृह दक्षिण-पूर्व में होना चाहिए।
10) बैठक में फर्निचर दक्षिण एवं पश्चिम की दिवार के सहारे लगाने चाहिए।
11) बच्चों का कमरा दक्षिण-पश्चिम कोने में होना चाहिए।
12) अलमारी दक्षिण दिशा में ही रखनी चाहिए।
13) स्टोर रूम दक्षिण-पश्चिम में होना चाहिए।
14) ड़ायनिंग हॉल पश्चिम में होना चाहिए।
15) गौशाला उत्तर-पश्चिम में होनी चाहिए यदि मकान बन गया हो तो ऐसे बहुत से उपाय भी है
जिससे बिना तोड़-फोड़ किये मकान का वास्तु सुधारा जा सकता है।
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mera ghar PASCHIM MUKHI HAI OR IS GHAR KI SIDIYA UTAR MUKHI HAI ,KYA ISME VASTU DOSH HAI, AGAR HAI TO ISKA KYA SAMADHAN HAI
mera ghar PASCHIM MUKHI HAI OR IS GHAR KI SIDIYA UTAR MUKHI HAI ,KYA ISME VASTU DOSH HAI, AGAR HAI TO ISKA KYA SAMADHAN HAI