Vastu tips for bedroom in hindi-आप गृहस्वामी है अत: आपका शयन कक्ष मनमोहक,वास्तु अनुकुल,अनुकुल तरंगे प्रकाशित करने वाला होना आवश्यक है। मुखिया का बैड़रूम नैऋत्य (दक्षिण-पश्चिम) में स्थित हो तो उत्तम रहता है।
घर के मुखिया का बैंड़रूम किस दिशा मे होना चाहिए।
यदि मकान में एक से अधिक मंजिल हो तो घर के मुखिया का शयन कक्ष ग्राउण्ड़ फ्लोर पर होना चाहिए।
बड़ा पुत्र मुख्य बैड़रूम का उपयोग कर सकता है परन्तु यदि छोटा भाई मुख्य बैड़रूम का इस्तेमाल करेगा तो परिवार में अनावश्यक झगड़े होंगे।
नैऋत्य दिशा में जो शयन करता है उसका प्रभाव पुरे परिवार पर बना रहता है। पलंग,बैड़ या दीवान का सिरहाना दक्षिण या पश्चिम दीवार के सहारे होना चाहिए ताकि उत्तर व पूर्व की ओर ज्यादा खुली जगह रह सके।
उत्तर-पूर्व दिशा में ज्यादा खुली जगह होने से ज्यादा धन की आय होती है अर्थात धन लाभ होता है।
बैड़रूम में केवल एक ही दर्पण लगाना चाहिए तथा दर्पण उत्तरी या पूर्वी दीवार पर या उत्तरी-पूर्वी कोने(ईशान) में लगाने से तुरन्त धन लाभ होता है।
पलंग के सिर या पैर की तरफ कभी भी दर्पण नहीं लगवाने चाहिए क्योंकि आत्मशक्ति कम होती है। ड्रेसिंग टेबल उत्तर या पूर्वी कोने पर रखने से तुरन्त धन लाभ होता है।
बैड़रूम में साधु-संतो की फोटो,गीतासार,काली मॉ की फोटो,महाभारत के चित्र आदि नहीं लगाने चाहिए। यहां तक कि ईश्वर के सौम्य फोटो भी नहीं लगाने चाहिए। बैड़रूम में पुजाघर नहीं होना चाहिए।
बैड़रूम में पलंग के आस-पास पीपल, वटवृक्ष,नीम,अरंड़ी,गुलर,खेजड़ी वृक्ष के पत्ते या टहनियॉ नहीं रखनी चाहिए यहॉ तक कि इन वृक्षो के चित्र भी शयन कक्ष में नहीं लगाने चाहिए।
नव विवाहित पुत्र का शयन कक्ष-Vastu tips for bedroom in hindi
यदि इनके चित्र बैड़रूम में लगाओगे तो दाम्पत्य जीवन में समस्याएं पैदा होगी व पत्नी का स्वास्थ्य खराब रहेगा।
बैड़रूम में यदि झुठे बर्तन पड़े रहते है तो परिवार में बीमारी,धन की कमी तथा गृहिणी का स्वास्थ्य खराब होने लगता है। यदि बैड़-टी ले तो चाय पीने के बाद बर्तनो को तुरन्त हटा दे।
बैड़ पर बैठकर भोजन न करे। बैड़रूम में कभी भी झाडु नहीं रखे। बैड़रूम में इमामदस्ता,अंगीठी तथा तेल का कनस्तर नहीं रखने चाहिए अन्यथा रोग,व्यर्थ कलह,बुरे स्वप्न आदि फल प्राप्त होते है।
बैड़रूम में बैठकर नशीले पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए अन्यथा स्वास्थ्य,व्यापार.धन आदि पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। हमेशा किसी न किसी बात की कमी बनी रहेगी।
मेहमानों का बैड़रूम या बच्चों का कमरा वायव्य क्षेत्र(उत्तर-पश्चिम) में होना उत्तम है। घर की अविवाहित पुत्रियों का बैड़रूम भी वायव्य कोण में ठीक रहता है।Vastu tips for bedroom in hindi
नव विवाहित पुत्र का शयन कक्ष वायव्य कोण के कक्ष के साथ वाला उत्तरी वायव्य क्षेत्र में होना चाहिए। सोते समय पैर मुख्य द्वार की ओर नहीं रखने चाहिये इसके लिए पलंग दरवाजे के ठीक सामने नहीं होना चाहिए।
शयन कक्ष में खिड़की होना आवश्यक है यदि यह खिड़की पूर्व की ओर हो तो उत्तम रहती है। पलंग के पीछे की दीवार मजबुत होनी चाहिए। पलंग के पीछे हल्की या कॉच की खिड़की होने पर मन में असुरक्षा की भावना पैदा होती है।
दीवार घड़ी को दक्षिण दीवार को छोड़कर आप किसी भी दीवार पर लगा सकते है। बैड़रूम में मानसिक शांति के लिए फुलो का गुलदस्ता सिरहाने कोने में रखे।
आग्नेय(पूर्व-दक्षिण) में शयन कक्ष पति पत्नी के लिए ठीक नहीं रहता है यह बैड़रूम पति-पत्नी में झगड़ा तथा अप्रत्याशित व्यय करवाता है। तथा नींद नहीं आती है।
ईशान (उत्तर-पूर्व) में शयन-कक्ष होने पर सोने वाले को आर्थिक हानि,कार्य पुरा होने में देरी,लड़कियों की शादी देरी से होना आदि समस्याएं आती है। पूर्व दिशा में मेहमानों का कमरा अच्छा रहता है।