श्रीमद् भगवत् गीता प्रथम अध्याय ।। ऊँ श्री गुरूवे नम: ।।श्रीमद् भगवत् गीता।। अथ प्रथमोअ्ध्याय :।।धृतराष्ट्र उवाच :-धर्मक्षेत्रे कुरूक्षेत्रे समवेता युयुत्सव: ।मामका: पाण्डवाश्र्चैव किम कुर्वत
श्रीमद् भगवत् गीता प्रथम अध्याय ।। ऊँ श्री गुरूवे नम: ।।श्रीमद् भगवत् गीता।। अथ प्रथमोअ्ध्याय :।।धृतराष्ट्र उवाच :-धर्मक्षेत्रे कुरूक्षेत्रे समवेता युयुत्सव: ।मामका: पाण्डवाश्र्चैव किम कुर्वत
• किसी भी शख्स को महत्व उसके गुणों के कारण मिलता है. वह जिन पदों पर काम करता है सिर्फ उससे कुछ नहीं होता. यदि
ऊँ ओंकार स्वरूप गुरूदेव को मेरा साष्टांग दंड़वत। गुरूदेव मुझे आशीर्वाद प्रदान करे ताकि में गीता जी के बारे में कुछ लिख सकने में समर्थ