श्रीमद्भगवद्गीता – अध्याय द्वितीय – श्लोक 8 व 9 श्रीमद्भगवद्गीता – अध्याय द्वितीय – श्लोक 8 व 9न हि प्रपश्यामि ममापनुद्याद्यच्छोकमुच्छोषणमिन्द्रियाणाम्।अवाप्य भूमावसपत्नमृद्धम्राज्यं सुराणामपि चाधिपत्यम्।।2.8।।अर्थः- भुमि
Month: September 2018
kya udhar mangna sahi hai in hindi-क्या आप भी किसी से उधार मांगते है- दोस्तों वैसे आप उधार शब्द से बहुत अच्छे से वाकिफ होंगे…लोगो
श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय द्वितीय-श्लोक 7 (Mahabharata story in hindi) Mahabharata story in hindi-श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय द्वितीय-श्लोक 7कार्पण्यदोषोपहतस्वभावःपृच्छामि त्वां धर्मसंमूढचेताः।यच्छ्रेयः स्यान्निश्िचतं ब्रूहि तन्मेशिष्यस्तेऽहं शाधि मां त्वां प्रपन्नम्।।2.7।। (Mahabharata story in
श्रीमद्भगवद्गीता – द्वितीय अध्याय – श्लोक 6 न चैतद्विद्मः कतरन्नो गरीयो यद्वा जयेम यदि वा नो जयेयुः। यानेव हत्वा न जिजीविषाम स्तेऽवस्थिताः प्रमुखे धार्तराष्ट्राः।।2.6।। अर्थः-
श्रीमद्भगवद्गीता – द्वितीय अध्याय :- श्लोक 4 व 5 अर्जुन उवाच कथं भीष्ममहं संख्ये द्रोणं च मधुसूदन। इषुभिः प्रतियोत्स्यामि पूजार्हावरिसूदन।।2.4।। अर्थः- अर्जुन बोले – हे
डर जो हमेशा हमे डराते है-fear of darkness in hindi fear of darkness in hindi-दोस्तों मेरा आज का पोइंट है “बचपन का डर” वैसे इस
Apne kartvya ka palan kare hindi-श्रीमद् भगवद्गीता अध्याय द्वितीय सञ्जय उवाचः- तं तथा कृपयाऽविष्टमश्रुपूर्णाकुलेक्षणम्। विषीदन्तमिदं वाक्यमुवाच मधुसूदनः।।2.1।। अर्थः- संजय बोले – उस प्रकार करूणा से