म्हारा घट मा बिराजता,श्रीनाथजी यमुनाजी महाप्रभुजी,म्हारो मनड़ो है गोकुल वृन्दावन,म्हारे तन रो आंगणियों है तुलसी नवल,म्हारा प्राण जीवन, मारा घट मा बिराजता,श्रीनाथजी यमुनाजी महाप्रभुजी ॥म्हारे
म्हारा घट मा बिराजता,श्रीनाथजी यमुनाजी महाप्रभुजी,म्हारो मनड़ो है गोकुल वृन्दावन,म्हारे तन रो आंगणियों है तुलसी नवल,म्हारा प्राण जीवन, मारा घट मा बिराजता,श्रीनाथजी यमुनाजी महाप्रभुजी ॥म्हारे