appreciation of life in hindi-क्या आप बिना बिजली के जीवन की कल्पना कर सकते हैं ? शायद नहीं. क्योंकि औज के दौर में बिजली पर ही दुनिया दौड़ रही है.
घर से लेकर गैजेट्स तक, शहर से लेकर गांव तक और रेल से लेकर हवाई जहाज तक बिजली बहुत जरूरी है.
आखिर बिजली आई कहां से ? सवाल बड़ा आसान है. जवाब भी उतना ही आसान. थामस अलवा एडिसन बिजली को दुनिया में लाने वाले पहले शख्स थे.
अपनी नाकामियों को कैसे पॉजिटिव तरीके में बदला जाता है ये एडिसन से हर की सीख सकता है.
बिजली के बल्ब को बनाने में एडिसन करीब 10 हजार बार नाकाम हुए थे.
बेहद गरीब परिवार से वास्ता रखने वाले एडिसन को ये नाकामियां ही कामयाबी की तरफ ले जाती गईं. लेकिन 10001 वीं बार वे असफल नहीं हुए.
इस एक कामयाबी ने उन्हें अमर कर दिया
दुनिया के हर हिस्से में हर घर में जलने वाला बल्ब उनकी स्मृति बन गया.
एडिसन का जीवन हमें क्या सिखाता है ?
अपने जीवन में 1093 पेटेंट हासिल करने वाले एडिसन की 1092 चीजों के बारे में किसी को भले ही जानकारी न हो लेकिन बल्ब के बारे में सब जानते हैं.
स्कूल-कॉलेजों में एडिसन के नाम पर कई चेप्टर पढ़ाए जा रहे हैं. मैनेजनमेंट के छात्रों को उनके उदाहरण दिए जाते हैं.
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इंजीनियरिंग करने वाले उनके हौसले से सबक लेते हैं. हर कोई अपने क्षेत्र में एडिसन की जिंदगी से कुछ न कुछ हासिल कर रहा है
इन सबके पीछे निश्चित रूप से एडिसन की कामयाबी है. लेकिन मेरा अपना मानना है कि एडिसन को कामयाबी देने वाली थीं उन्हें मिलने वाली नाकामियां.
न नाकामियां उनकी खोज का हिस्सा बनतीं और न ही दुनिया को रोशनी मिल पाती.
डटे रहने का हुनर ही हमें कामयाबी की ओर ले जाता है.
आज के दौर में प्रतिस्पर्धा बहुत है. अवसर भी हैं लेकिन सीमित अवसरों को भुनाने में कई बार मेहनत से भी बात नहीं बन पाती.
ऐसे में हममें से बहुत से लोग निराश हो जाते हैं. कई बार ये स्थिति कुछ गलत फैसलों की वजह भी बन जाती है.
लेकिन क्या जीवन में एक ही अवसर मिलता है ?
एडिसन से किसी ने पूछा था कि आप 10 हजार बार फेल हो गए फिर भी निराश नहीं हुए ?
एडिसन ने कहा निराशा किस बात की. मुझे हर एक नाकामी ये बताती रही कि इस तरीके से काम नहीं होगा.
ऐसा करके में 10 हजार उन तरीकों के बारे में जान गया था जो काम नहीं करने वाले थे.
सोचिए, उनकी सोच का पैमाना क्या रहा होगा.
वैसे आज के दौर में हममें से ज्यादातर लोगों की जद्दोजहद पैसे कमाने को लेकर होती है.
कोई बिजनेस शुरू करना चाहता है तो कोई बिजनेस में मुनाफा न मिलने से परेशान है. किसी को अदद नौकरी की तलाश है तो कोई किसी परीक्षा में सफलता पाने की लालसा लिए बैठा है.
पर ये अवसर किसी एक के लिए तो नहीं हैं. इसलिए स्पर्धा होगी. और स्पर्धा में जीत हार होनी ही है.
कोई जीतेगा तो किसी की हार भी तय है.
रेस 10 लोगों की होती है लेकिन हारना 9 को पड़ता है. नतीजा हमेशा इस बात पर निर्भर करता है कि जीत के लिए किसने कितना जोर लगाया.
इसलिए हार से घबराएं नहीं, नए सिरे से चिंतन करें उन गलतियों को दोहराने से बचें जो पिछली बार हो गई थीं या कर दी गई थीं.
इस तरह एक नया तरीका जन्म लेगा. जीवन से निराशा का भाव दूर होगा. एक नया अनुभव आपके हिस्से होगा.
नाकामी महज एक चांस है ठीक उसी तरह जैसे फुटबॉल के खेल में बॉल गोलपोस्ट से तो टकराती है लेकिन अंदर नहीं जा पाती. लेकिन गेम तो जारी है.
मौके तो मिलते रहेंगे. हो सकता है आखिरी मौके पर ही आप गोल दे मारें और चैम्पियन बन जाएं.