॥अथ श्री देव्याः कवचम्॥ ॐ अस्य श्रीचण्डीकवचस्य ब्रह्मा ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, चामुण्डा देवता, अङ्गन्यासोक्तमातरो बीजम्, दिग्बन्धदेवतास्तत्त्वम्, श्रीजगदम्बाप्रीत्यर्थे सप्तशतीपाठाङ्गत्वेन जपे विनियोगः। ॐ नमश्चण्डिकायै। ॥मार्कण्डेय उवाच॥ ॐ
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व्रत और त्यौहार केैटेगरी में साल के सभी व्रत व त्यौहारों का महत्व उनकीं पौराणिक कथाएं तथा उनसे होने वाले फायदे…व उसे किस प्रकार करने से हमें उसका ज्यादा फायदा मिलेगा उसके बारे में बताया जाएगा..
अधिकमास क्यों ?-Adhik mass importance in hindi Adhik mass importance in hindi-सौर वर्ष का मान 365 दिन,15 घटी, 22 पल, और 57 विपल है ।