chanakya neeti on success

चाणक्य नीति: अगर जीवन में पानी है सफलता तो आचार्य चाणक्य की ये बाते जरूर पढ़े

चाणक्य नीति: अगर जीवन में पानी है सफलता तो आचार्य चाणक्य की ये बाते जरूर पढ़े chanakya neeti on success

– व्यक्ति को सीधा और ईमानदार नहीं होना चाहिए… क्योंकि जंगल में सीधे वृक्षों को काटने में कठिनाई नहीं होती उन्हें ही सबसे पहले काटा जाता है।

– धन ही एकमात्र ऐसी वस्तु है जिसके माध्यम से दुनिया को चलाया जाता है। जिस व्यक्ति के पास पैसा होता है, सारे सगे-संबंधी भी उनके ही होते हैं। मूर्ख लोगों के धनी होने के कारण उन्हें बुद्धिमान, विद्वान और योग्य माना जाता है।

– कुत्ते के लिए उसकी दुम गर्व का सूचक नहीं होती। कुत्ते की पूंछ मक्खी, मच्छरों को उड़ाने के काम नहीं आती। उसी प्रकार कम ज्ञान वाले व्यक्ति की बुद्धि बेकार होती है…

इसलिए उसे अधिक से अधिक सीखने का प्रयास करते रहना चाहिए।

– गुस्सा मौत को, लालच दुख को आमंत्रण देता है। ज्ञान दूध देने वाली गाय की तरह है जो प्रत्येक जगह व्यक्ति की मदद करता है। संतुष्ट व्यक्ति कहीं भी प्रत्येक स्थिति में जीवन यापन कर सकता है।

चाणक्य ने मूर्ख शिष्य,दुष्ट महिला के लिए क्या कहां(chanakya said about Women)

– बुद्धिमान लोगों को अपना समय व्यर्थ के कार्यों में नष्ट न करके अध्ययन और मनन में व्यतीत करना चाहिए। उन्हें सुबह महाभारत की कथा, दिन में स्त्रियों के कार्यों और रात के समय चोरों की प्रक्रियाओं से संबंधित ग्रंथों को पढ़ना चाहिए।

– आदमी को राजा, स्त्रियों और आग से दूरी नहीं बनानी चाहिए और उनके अधिक करीब भी नहीं जाना चाहिए।

– अनुशासनहीन लोग खुद तो दुखी रहते हैं, साथ में दूसरों को भी दु:ख पहुंचाते हैं।

– आचार्य चाणक्य के अनुसार स्त्री पुरुषों के मुकाबले दुगुना आहार ग्रहण करती हैं।

वह चार गुणा बुद्धिमान और चालाक, छह गुणा साहसी और कामेच्छा पुरुषों की अपेक्षा उनमें आठ गुणा होती है। इन्हीं कारणों से वह पुरुषों को पराजित करती हैं।

– जिस देश के लोग भूख से मर रहे होते हैं, वहां पर हवन में घी और अनाज को जलाना देशद्रोह की भांति है।

ऐसे लोग मंत्रों के शुद्ध भाव और पूजा के उद्देश्य को अपवित्र करते हैं। सर्वप्रथम भूखों को भोजन करवाना चाहिए, जिससे हवन करने से अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है।

– किसी चीज को देखने का प्रत्येक व्यक्ति का अपना-अपना नजरिया होता है।

– अपने गुप्त रहस्य दूसरों को बताकर हम अपनी बर्बादी को स्वयं आमंत्रित करते हैं।

– यह एक कड़वी सच्चाई है कि प्रत्येक मित्रता के पीछे स्वार्थ छुपा होता है। ज्ञान सबसे उत्तम मित्र है।

शिक्षित व्यक्ति को प्रत्येक जगह सम्मान मिलता है। ज्ञान ही एक ऐसा शस्त्र है जो सुंदरता और यौवन को पराजित कर देता है।

– व्यक्ति को भूत के बारे में पछतावा और भविष्य को लेकर चिंतित नहीं होना चाहिए। उसे इन बातों का त्याग करके वर्तमान में जीना चाहिए। विवेकवान व्यक्ति वर्तमान में जीता है।

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