communication in hindi -दोस्तों आज मे फिर से हमारे समाज में चल रहीं…हमारे रिश्तों में चल रहीं…छोटी सी छोटी बात पर चर्चा करने आया हूं…
बोलने की कला का विकास (communication in hindi)
मेरा आज का मुद्दा है हमारे “बोलने की कला” दोस्तों वैसे आप सब जानते होगें की हमारी ज़बान पुरे शरीर में एक ऐसी ज्ञानेन्द्रि है जो बड़े से बड़े काम बना देती है तो वहीं बड़े काम बिगाड़ देती है…
आपने अपने बड़ो से भी सुना होगा कि अपनी ज़बान को बहुत सही ढंग से इस्तेमाल करो….
दोस्तों बोलने की कला को अंग्रेजी में “कॉम्यूनिकेशन” भी कहते है…दोस्तों अच्छी पर्सनालिटी, अच्छे लुक के अलावा सबसे ज्यादा जरूरी होता है आपके बोलने की कला…
दोस्तों वैसे तो आप भी जानते है कि कैसे बात करनी चाहिए, क्या बात करनी चाहिए, बड़ो से कैसे बात करनी चाहिए…अलग-अलग लोगो के साथ अलग-अलग तरीके से बात करनी चाहिए…
पर दोस्तों अनजाने में हम भुल जाते है कि हमें कैसे बात करनी चाहिए….दोस्तों मेरी इस बात को करने का सबसे बड़ा कारण ये है कि हमारे बात के तरीके का दुसरों पर क्या फर्क पड़ता है वो शायद आपने कभी नहीं सोचा होगा…
दोस्तों आप बहुत बार ये सोचते होंगे कि यार क्या है इसे तो हम जानते नहीं है फिर इसके सामने इतना शिष्टाचार या इतना सहीं ढंग से बात करने की क्या जरूरत है पर दोस्तों ऐसा बिलकुल भी ना करे….
इस ब्रम्हाण्ड़ में जो एनर्जी विधमान है वो अगर आपको किसी से भी मिला रही है वो सब तय है…कोई ना कोई वजह जरूर होती है…जिसकी वजह से आप किसी से भी मिलते है…..
दोस्तों माफी चाहता हूं पर शायद आप ये बात नहीं जानते होगें की जब आप किसी ये भी बात करते है तो अंजाने में आप अपने कितने राज़ लोगो को बता देते है…
साथ ही आप अपनी कमजोरी भी उनसे शैयर कर लेते है…और आपकी इसी कमजोरी का फायदा उठाते है वे लोग जिनके बोलने की कला आपसे ज्यादा प्रभावशाली है…..दोस्तो आप थोड़ा अपने बचपन या फिर अपनी स्कुल लाइफ को सोचो…
आपको याद आएगा की आपके मुंह से कभी ना कभी कुछ ऐसा निकल गया होगा जिसका आपके दोस्तों ने आपका बहुत मजाक उड़ाया होगा….
Communication से कैसे करे दोस्ती
उस समय आप भी अपनी कहीं हुई बात पर खुब हंसे होगे पर दोस्तों मुझे पता है कि आपके मन में उस समय आप बहुत अपमानित सा महसुस कर रहे होंगे और ऐसा सोच रहें होंगे कि यार आज के बाद ऐसा कुछ नहीं बोलुंगा….
दोस्तों अगर हम बात करे हमारे हालहि के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी इसके खासा उदाहरण है उन्होंने अपने बोलने की कला से सभी को मंत्रमुग्ध किया हुआ है कभी भी कोई भी विपक्ष का नेता उन पर सवाल उठाने से पहले दो बार सोचता है…
उनके खिलाफ बोलने से पहले सोचता है….(दोस्तों में किसी का कोई समर्थक नहीं हूं बस आपको बताने के लिए उदाहरण ले रहा हूं ) ऐसे ही कई उदाहरण है
जिसमें स्वामी विवेकानंद थे जिन्होंने अपने बोलने की कला से सभी को अपना दिवाना बना रखा था….
स्वामी विवेकानंद द्वारा कही ये 10 बाते शायद ही जानते होंगे आप….
दोस्तों मैनें तो आपको ये दो उदाहरण ही दिए है आप जिसे भी अपना रोल मॉडल मानते हो या अपने जीवन मे जिसे भी पसंद करते हो…
चाहे आप किसी से प्यार भी करते हो तो आप देखना में दावे के साथ कह सकता हूं कि आप उसके बोलने की कला से ही प्रभावित होंगे….पर आप इस बारे में कभी भी सोचते नहीं हो…
अब दोस्तों में आपको बताऊंगा की बोलने की कला का विकास कहा से करे….दोस्तों मेरा खासा अनुभव है कि और लोगो का भी कहना है कि हमारे अंदर ज्ञान की कमी की वजह से हमारे बोलने की कला में कमी आती है….
ये सही है दोस्तों पर हर बार की तरह मेरी विचारधारा लोगो से अलग है….
मेरा मानना है कि ज्ञान के अलावा हमारा खुद पर विश्वास होना बहुत ज़रूरी है…हम दुनिया वालो से बात करने से पहले हि ये सोच लेते है कि आगे वाला अच्छा बोलने वाला है और जैसे हमारे मन मे ये बात आती है….
आपने देखा होगा कि आप खुद फील करते होंगे की बोलने में गलतियां होने लगती है और हमे जो नहीं बोलना होता है वो हम बोल जाते है….दोस्तों “खुद में विश्वास और खुद पर विश्वास जगाना बहुत जरूरी है”…
आप केवल एक बार मेरी बात मानिए…जिसके भी सामने आप बात करने में हिचकिचाहट महसुस करते हो उसके सामने जाने से पहले खुद सोचिए की आप एक अच्छे वक्ता है और आप किसी से भी आसानी से बात कर सकते है…साथ ही अपने चेहरे पर खुशी रखिए…
और अपने दिमाग को थोड़ा एक्टीव किजीए….हमारा दिमाग और हमारी ज़बान एक साथ काम करनी चाहिए…दोस्तों जैसा कि आपने सुना होगा कि नाप तोल के बोलना चाहिए…बस यही बात है…..
दोस्तों मे ये बात दावे के साथ कह सकता हूं कि मेरी इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप फील करेंगे की यार इन्होंने तो कुछ ज्यादा बताया हि नहीं अगर आपको ऐसा लगे तो फिर से मेरी पोस्ट पढ़ना आप अपने आप समझ जाएंगे की आपको क्या करना है………..