how to increase your money in hindi- दुनियाँ में हर व्यक्ति धनवान बनना चाहता है तथा धन कमाने के लिए कठोर परिश्रम करता है तथा कमा भी लेता है
परन्तु धन को बचाकर रखना और बढ़ाना सरल काम नहीं है।
जब तक व्यक्ति धन को बचाना और बढ़ाना नहीं जानता कितना भी धन कमा ले परन्तु धनवान नहीं बन सकता।
धन कमाना सरल है परन्तु धन को स्थायी रखना कठिन है।
धन को स्थायी करने के लिए व्यक्ति को अपने जो व्यर्थ के खर्चे है उसमें कटौती करनी ही होगी।
कहावत है कि बुँद-बुँद से घड़ा भरता है
जिसने भी इस रहस्य को समझ लिया तो निश्चित ही उस व्यक्ति के पास प्रचुर सम्पदा होगी।
कुछ लोग जो पैसे की बचत करता है उसे कंजुस कहकर उसी हँसी भी उड़ाते है।
कंजुस उस व्यक्ति को कहते है जो जहाँ आवश्यकता हो वहाँ भी धन खर्च नहीं करता तथा जोड़ता ही चला जाता है।
बुँद-बुँद बचाने का अर्थ है मितव्ययी बनना अर्थात जहाँ आवश्यकता हो वहाँ तो धन खर्च करने के लिए तैयार रहना
परन्तु व्यर्थ के खर्च पर अंकुश लगाना।
व्यक्ति 85 प्रतिशत पैसा व्यर्थ की चीजो में दिखावे पर खर्च करता है।
जब उसको आवश्यक कार्यो के लिए धन की जरूरत होती है तब उसके पास धन का अभाव हो जाता है।
यदि आप सम्पत्ति बनाना चाहते है तो आपको योजना बनाकर खर्च करना होगा। जो भी लाभ होता है उसे पुरा का पुरा खर्च न करके बचत करने की आदत भी विकसित करनी होगी।
जमा पुंजी को फिर से बिजनेस में लगाये। कई व्यक्ति ऋण लेकर बिजनेस करते है।
ऋण लेकर बिजनेस करना गलत नहीं है परन्तु इस बात का ध्यान रखना है कि कम ब्याज पर ऋण ले वरना आप जो भी कमायेंगे वह ब्याज चुकाने में खर्च हो जायेगा।
आप कितना भी कमाये आपके पास पैसा नही बचेगा तथा आप धनवान नहीं बन पायेंगे।
कितना ही ज्यादा कर्म करे, कितना भी कमाये आपको ऋण देने वाले को फायदा है आपको नहीं।
how to increase your money in hindi
यदि ऋण लेकर बिजनेस प्रारम्भ करना है तो छोटी राशि से ही बिजनेस शुरू करे तथा लाभ में से कुछ न कुछ बचाकर रखे तथा
ऋण चुकाते जाय जब पूर्ण चुक जाय तो तब तक आपके पास स्वयं की काफी रकम जमा हो जायेगी। जिससे आप अपने बिजनेस को बढ़ा सके।
योजना बनाकर काम करे अर्थात कमाये गये पैसो की संभाल करे तथा मितव्ययी बने।
व्यक्ति बिजनेस में जब असफल होता है तो उसे मनन करना चाहिये की वह असफल क्यों हुआ यदि व्यक्ति अपनी कमी को समझ ले तो प्रयत्न करने पर फिर से सफल हो सकता है।
कई बिजनेस करने वाले फेल हो जाते है परन्तु वे निराश नहीं होते तथा पुरी तैयारी के साथ अपनी कमियों को दुर करते हुए फिर से कोशिश करते है तथा सफल होते है।
व्यापार शुरू करने से पहले व्यापार के बारे में पुरा अध्ययन करना चाहिये तथा व्यापार कहाँ तक पहुँच सकता है उसकी संभावनाओं का भी ख्याल रखना है।
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बिना पूर्ण विचार किये कोई बिजनेस शुरू नहीं कर देना चाहिये अन्यथा आपका पैसा फंस जायेगा। कभी-कभी कई व्यक्ति दुसरे के भरोसे बिजनेस प्रारम्भ कर देते है तथा
उस व्यक्ति ने धोखा दे दिया तो आप फेल हो जाओगे तथा इस असफलता की भरपाई काफी मुश्किल के बाद होगी।
तथा यदि निराशा ने आपको जकड़ लिया तो सारे रास्ते बंद हो जायेंगे।
कठोर परिश्रम करने वाला सुखी रहता है। कई व्यक्ति कानुन कायदो को ताक में रखकर पैसा बनाते है
परन्तु वह सदा डरते ही रहते है धन का उपयोग अच्छी तरह नहीं कर सकते तथा यदि कानुनी उलझनो में उलझ गये तो गये काम से।
अत: बिजनेस करते वक्त अपना अच्छा बुरा सोचकर बिजनेस करे।
बिजनेस में अक्सर लेन-देन के मामले में सतर्क रहे। business के अपने कुछ नियम बना लेने चाहिये तथा उसका अच्छी तरह पालन करना है।
बिजनेस में ऐसे व्यक्ति जो अनपढ़ हो कभी स्कुल न गये हो ऐसे व्यक्ति भी सफल हो सकते है।