Bimariyon se bachne ke upay in hindi

कैसे बचे छोटी-छोटी बीमारियों से….. ?(Bimariyon se bachne ke upay in hindi)

How to survive with small diseases-Bimariyon se bachne ke upay in hindi

Bimariyon se bachne ke upay in hindi-दोस्तों आज में आपको ऐसे सच का सामना करवाऊंगा जिसको मानना शायद आपके लिए मुश्किल हो जाएंगा…

आज में आपको वो छोटी बात बताऊंगा जिस पर आपने कभी भी घोर नहीं किया होगा…और आप ये नहीं जानते होगे की अनजाने में आपके साथ ऐसा क्या हो रहा

जिसके बारे मे ना तो आप जानते है ना ही उससे होने वाले दुष्परिणामों को समझते है….

दोस्तों मेंने बहुत जगह इस बारे में पढ़ा पर में यकीन नहीं कर पाया उसके बाद मेंने इस विषय पर काम करना शुरू कर दिया….

साथ ही मेंने इस विषय पर करीब 50 लोगो पर अध्ययन किया…

उसके बाद लोगो मे होने वाली इस समस्या के निदान के लिए बहुत बड़े डॉक्टरों से भी राय मशवरा लिया तो उनका भी इस मुद्दे पर साफ कहना था जो मेंरे अध्ययन में मिला…

दोस्तों अब में आपको वो बात बताने जा रहा हुं जिसे आप जानते है समझते है और इस बारे में बाते भी करते है पर कभी भी इस बात पर आपने अच्छे से घोर नहीं किया और ना ही इसके बारे में सोचा…

तो दोस्तों वो बीमारी है “तनाव” जिसे अंग्रेजी में और आम बोलचाल की भाषा में हम “टेंशन” कहते है…

दोस्तों आज अगर हम शारीरिक या मानसिक रूप से अगर बीमार पड़ रहे है उसका कारण… हमारा बात-बात पर तनाव करना ही है…

आज आप कभी भी किसी भी छोटी से छोटी बीमारी से अगर ग्रसित होते है तो तुरन्त ये सोचे की आपने किस बात को लेकर सोचा था…जिस वजह से आप बीमार है…

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दोस्तों सॉरी पर मेंरी पोस्ट में बीमारियों की ज्यादा चर्चा नहीं करूंगा और ना ही में आपको ये बताऊंगा की टेंशन से कौनसी बड़ी बीमारियां होती है…..

क्योकिं मुझे पता है कि कोई भी व्यकित अगर बीमारी के बारे में सुनता है तो उसकी चर्चा में पड़ जाता है और हम अनजाने में नकारात्मक विचारों को हमारे मन में जगह दे देते है…

और फिर से तनाव को बुला लेते है…

दोस्तों आपने कभी ये सोचा है कि आज वैज्ञानिको की मदद से हर बीमारी का बहुत अच्छे से इलाज संभव हो पाया है…

पर दोस्तों आप ही सोचों की आजकल हम किसी भी अजीबों गरीब बीमारियों से ग्रसित हो जाते है पता नहीं क्या-क्या बीमारियां निकल गई है…

अगर हम थोड़ा फ्लेशबैक में जाए..तो हमारे पुर्वजो के पास तो इतनी बीमारियां नहीं थी और ना ही वो कम जी पाते थे…
पहले तो लोग इन छोटी-छोटी बीमारियों के बारे में शायद सोचते भी नहीं होंगे….

और आज के लोगो की तरह बात-बात में तनाव नहीं करते होंगे…और वो अपने जीवन से संतुष्ट थे…..तभी तो वो सुखी थे

पर दोस्तों इस बात को थोड़ा सिरियस ले क्योकिं इस अनंत ब्रह्मांड में परमात्मा ने हमे जो मानव जीवन दिया है उसे खुशियों से और अच्छे से जीये…

क्योकिं इस संसार में जो आया है उसे एक दिन जाना है…अपने पल-पल का अच्छे से इस्तेमाल करे…खुश रहे और खुशिया बांटे…

दोस्तों आपने ये तो जरूर सुना होगा की “चार दिन की ज़िन्दगी” तो अब इन चार दिनों को अच्छे से जियो….पर दोस्तों “ज़िन्दगी जीने का भी अपना एक तरीका” होता है..

ऐसा नहीं की आप अकर्मण्य बनकर जीवन जीये…

दोस्तों ये कलियुग है इसमें आपको कर्म तो करना ही होगा…पर जो भी काम करे उसे खुशि से करे ना कि बोझ समझकर…

तकलीफे,समस्या,अर्चने सभी आएंगी पर सबका अपने जीवन में खुशी से स्वागत करे…

साथ ही आप सभी व्युवर्स को “जीवन दर्शन” की तरफ से हैप्पी होली !!!!!!!!!

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