mirror effect in vashtu shastra in hindi-दैनिक जीवन में हम दर्पण(mirror) का उपयोग करते है।
दर्पण तीन प्रकार के होते है।mirror effect in vashtu shastra in hindi
1. उत्तल दर्पण
2. अवतल दर्पण
3. समतल दर्पण
घर में हम आयताकार,वर्गाकार,गोलीय,अण्डाकार कोणीय दर्पणों का उपयोग करते है।
आजकल अलमारियों पर भी दर्पण लगे हुए होते है । ड्रेसिंग टेबल पर भी दर्पण लगा होता है हम वाश बेसिन पर भी दर्पण लगाते है। बाथरूम में भी दर्पण लगाते है ।
कहीं आपकी मानसिक,आर्थिक व अन्य परेशानियों का कारण दर्पण तो नहीं है ?
हमें दर्पण का उपयोग काफी सोच समझकर करना चाहिए क्योकिं दर्पण को गलत लगाने पर वह वास्तुदोष उत्पन्न करता है तथा उससे हमारी समस्याएं बढ़ जाती है।
यदि दर्पण को सही दिशा में लगाया जाय तो दर्पण वास्तुदोष दुर करता है तथा हमें सुखी संपन्न बनाता है।
दर्पण का टुट जाना शुभ माना जाता है ऐसा कहा जाता है कि कोई मुसीबत आने वाली थी उससे दर्पण टुट गया अर्थात कॉच ने वह मुसीबत अपने ऊपर ले ली।
फुटा हुआ कॉच बाहर फेक देना चाहिए यदि कॉच का बड़ा टुकड़ा हो तो उसे कटवाकर आयताकार,अंडाकार या छोटे दर्पण में कटवा देना चाहिए। नुकीले व तेजधार वाले दर्पण बहुत हानि करते है अत: कॉच को फ्रेम में डालकर रखना चाहिए।
हमें सजने संवरने के लिए एक ही दर्पण का उपयोग करना चाहिए । अर्थात कॉच एक से अधिक भागों में बंटा हुआ नहीं होना चाहिए।
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दर्पण को टांगते वक्त यह ध्यान में रखना चाहिए की घर के सभी सदस्य उसमें आराम से अपना चेहरा देख सके अर्थात देखने के लिए उन्हें ऊंचा न होना पड़े या झुकना ना पड़े ।
यदि कॉच में दाग-धब्बे हो तो उसे अच्छा नहीं माना जाता है। सजावटी दर्पण को 6 फीट की ऊंचाई पर लगाना चाहिए ताकि हमारा प्रतिबिम्ब उसमें ना बने। पेंटिग किये हुए या ऐसे दर्पण जो हमारा प्रतिबिम्ब टेढ़ा-मेढ़ा बनाते हो काम में नहीं लेना चाहिए।
दर्पण अपने सामने आने वाले व्यक्ति को गर्म कर देता है । उत्तर या पूर्व की दिवार पर लगे या उत्तर-पूर्व कि ओर लगे दर्पण के कारण मातृ पक्ष पैदा होता है इससें फर्श गर्म हो जाता है
जिससे परिवार सुखी संपन्न होकर बस जाता है तथा आय के तथा धन लाभ के नये साधन व्यक्ति को उपलब्ध होते है ।
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उत्तर-पूर्व दिवार पर हल्के तथा आयताकार एवं वर्गाकार दर्पण लगाने चाहिए । दर्पण बड़े आकार का हो तथा वजन में हल्का हो इस बात का ध्यान रखना है।
उत्तर-पूर्व को छोड़कर दक्षिण-पश्चिम व कोनों में लगे दर्पण वास्तुदोष उत्पन्न करते है जिससे परेशानियां पैदा होती है।
बेडरूम में दर्पण नहीं लगवाना चाहिये तथा बिस्तर के सामने तो कभी भी दर्पण नहीं लगवाना चाहिये क्योकिं इसे वास्तुदोष गिना गया है यदि पश्चिम या दक्षिण दिवार पर ग्लास हो चूंकि दक्षिण दिशा में हम अलमारी रखते है
अत: यदि अलमारी पर कॉच हो तो उसे कोई तस्वीर या कागज चिपकाकर ढंक देना चाहिए।
गंदे कपड़े टांगते वक्त उन्हें ऐसे टांगना चाहिए की दर्पण में उनका प्रतिबिम्ब न बने।
आजकल फैशन का युग है व्यक्ति घर जगह दिशाओं को ध्यान दिये बिना दर्पण लगाते है तथा फिर परेशान होते है । स
ही दिशा में अर्थात उत्तर तथा पूर्वी दिवार पर समतल दर्पण लगवाकर हम सुखी संपन्न बन सकते है तथा अन्य दिशा की दिवारों पर जो भी समतल दर्पण हो उन्हें हटा दे या उन पर कुछ चिपका दे जिससे प्रतिबिम्ब न बन सके।
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रावल महाराज । आपने वास्तु के बेहद उपयोगी टिप्स दिए। अति उत्तम। ऐसे ही मार्गदर्शन देते रहे
ओम गुरवे नमः