sad in hindi-दोस्तों क्या आप ये जानते हो कि हम दुखी क्यों होते है….क्या आपको पता है दुख की वजह क्या होती है…बहुत सी बार हम अपने आप मे दुखी हो जाते है…और उस दुख का दोष सीधा भगवान पर लगा देते है…
चाहे हमारे साथ छोटी से छोटी बात हो जाए तो सीधा किस्मत को दोष देने लग जाते है…दोस्तों मुझे ये बताओ की दुसरों को दोष देने से कभी कुछ हो पाया है या उससे हमारे दुख में कोई कमी आती है क्या…
भगवान ने तो हम सभी को समान ही रखा है भला उनके पास इतना टाइम कहा होता होगा जो हमारी छोटी सी छोटी बात में अपनी टांग लगाएंगे…
वैसे दोस्तों में आज इस पोइंट पर इसलिए बात कर रहा हूं कि ये बहुत ही बड़ी समस्या है…जो हर किसी में होती है..लोग दुसरों पर दोष लगाते वक्त ये बात भूल जाते है कि वे जिनकों भी दोष दे रहे है उनका उन पर कोई असर नहीं पड़ेगा…sad in hindi,
दोस्तों में आपसे जो बात करने जा रहा हूं हो सकता है आपको बुरी लगे या आप मेरी बात से शायद सहमत भी नहीं होंगे पर मुझे विश्वास है कि अगर मेरी बात आप अच्छे से समझ गए तो शायद आप मेरी बात मानेंगे…
दोस्तों सुख और दुख दोनो आपके हाथ में है आप सोचो आपको क्या चाहिए
दोस्तों हमारे किसी भी दुख का कारण हम खुद होते है…हमारे जीवन मे कोई भी समस्या होती है उसके प्रणेता भी हम खुद होते…हम खुद ही अपने आप को दुखी करने के प्रयास करते है….sad in hindi
वो आप इसलिए नहीं समझ पाते क्योकिं इन बिंदुओ पर कभी आप घोर नही करते…ये तो आपने सुना ही होगा की जिसका बीज बोओगें फल भी उसका ही मिलेगा…मुझे ये पता है कि ये बात आपने अपने बड़े बुज़ुर्गो से जरूर सुनी होगी पर इसका सही मतलब आप आज समझ पाए होंगे…
हम जो भी काम करते है उसमें अगर हम सफल नहीं होते तो हम सीधा किस्मत को दोष दे देते है…अगर दोष देने की जगह दोस्तों केवल एक बार आपने ये सोचा होता कि किस वजह से आपका काम नहीं हो पाया या आपने ऐसी कोनसी कमी रखी थी अपने काम में तो शायद आप किसी को दोष नहीं देते….
उसके बाद आपने बहुत से लोगो के मुंह से ये जरूर सुना होगा कि मेरा काम लास्ट लाइम मे ही बिगड़ जाता है….मैं पुरी मेहनत करता हूं सब कुछ अच्छा होता है पर पता नहीं क्या हो जाता है और जो चीज़े मिलने वाली होती है वो नहीं मिल पाती…
दोस्तों कभी-कभी हम कुछ बातों की धारणा अपने दिमाग मे ऐसे बना लेते है कि हम चाह कर भी उससे दुर नहीं हो पाते जिसका खामियाज़ा हमे ही भोगना पड़ता है…
हम हमारी दुसरी बुरी आदत ये होती है कि कोई भी काम करने से पहले ही हम उसका रिजल्ट निकाल देते है कि ये काम तो नहीं होगा वैसे भी मेरी किस्मत खराब है तो ये काम भी मेरा बिगड़ जाएगा..
मेंटली स्ट्रोग कैसे बने ( Mentally Strong Kaise bane )
दोस्तों अगर आप किसी भी काम को करने से पहले ही कांन्फीडेंट नहीं हो तो उस काम को मत कीजिए….और यदि आप किसी काम को करना चाहते है तो पहले खुद में विश्वास जगाइए की आपसे बेहतर ये काम कोई नही कर सकता….
दोस्तों अगर आप कभी भी किसी भी बात को लेकर दुखी हो जाते हो तो केवल एक ही काम करे की अपने आप से कुछ सवाल करे…अपने आप से पुछे की ऐसा क्यों हुआ….किस वजह से हुआ…आपने क्या कमी रखी थी…आप कैसे बच सकते थे…
मै आपको इस बात की गैरन्टी देता हूं की दोस्तों आपको अपना जवाब मिल जाएगा…और मुझे ये भी पता है कि मेरी ये पोस्ट पढ़ने के बाद आप खुद को ऐनालाइसिस जरूर करेंगे ओर एक छोटी सी मुस्कान आपके चेहरे पर होगी…ओर आपका दुख फुर्र् हो जाएगा…
बस यही खुशी में आपके चेहरे पर देखना चाहता हूं…
धन्यवाद
जीवन आनंद की उत्तम कला
Me laal kitab ke bare me aur bhi bhut kuch janna chahti hu