Pitro ki mukti ke liye kya kare jivandarshan

श्रीमद् भगवद्गीता अध्याय प्रथम श्लोक 41 से 42 पितरों की मुक्ति के लिए क्या करे ? अधर्माभिभवात्कृष्ण प्रदुष्यन्ति कुलस्त्रियः। स्त्रीषु दुष्टासु वार्ष्णेय जायते वर्णसङ्करः।।41।। अर्थः-

Read More

श्रीमद् भगवत् गीता प्रथम अध्याय प्रथम अध्याय – श्लोक 4 से 10“अत्र शूरा महेष्वासा भीमार्जुनसमा युधि |युयुधानो विराटश्र्च द्रुपदश्र्च महारथ: ||4||धृष्टकेतुश्चेकितान: काशिराजश्र्च वीर्यवान् |पुरूजित्कुन्तिभोजश्र्च शैब्यश्र्च

Read More