upvas ke fayde in hindi – यदि अभी तक आप केवल यह जानते थे कि उपवास केवल भक्ति का जरिया है तो अब ये भी जान लीजिए कि उपवास करने से केवल भगवान ही खुश नहीं होते बल्कि आपके शरीर को भी बड़ी खुशी मिलती है.
ये खुशी इतनी ज्यादा होती है कि आपकी जिंदगी 5 प्रतिशत तक बढ़ जाती है. ये बात हवा-हवाई नहीं है बल्कि जांची परखी शोध के बाद सामने आई है.
जी हां जर्मनी में पिछले दिनों उपवास पर की गई एक शोध से पता चला है कि सप्ताह में एक दिन का व्रत न केवल उम्र में इजाफा करता है बल्कि इससे कैंसर और डायबिटीज का खतरा भी कम हो जाता है.
हालांकि बुजुर्ग लोगों को उपवास रखने से किसी तरह का फायदा नहीं मिलता क्योंकि बुढ़ापे की परेशानियां प्राकृतिक होती हैं.
कैसे किया प्रयोग (upvas ke fayde in hindi)
वैज्ञानिकों ने चूहों के दो समूह बनाकर इस प्रयोग को अंजाम दिया था. चूहे इस प्रयोग में इसलिए शामिल किए गए क्योंकि उनकी आंतरिक शारीरिक संरचना लगभग वैसी ही होती है जैसी मनुष्य की होती है.
इनमें से एक चूहे को उपवास कराया गया जबकि दूसरे को रोज खाना दिया जाता रहा. उपवास कराते हुए चूहे के भोजन के बीच में लंबा अंतराल रखा गया, यानी उपवास वाले दिन उसे लंबे समय तक केवल पानी पर ही रहने दिया गया.
इसका नतीजा जो सामने आया वह हैरान करने वाला था. दरअसल उपवास रखने वाले चूहा अपने साथी चूहे से 5 प्रतिशत ज्यादा जिया.
चूहों में भी मौत का सबसे बड़ा कारण कैंसर है. वैज्ञानिकों ने कैंसर से जूझ रहे चूहों के भी दो समूह बनाए. एक को व्रत कराए, दूसरे को नहीं. जांच में पता चला कि भूखे रहने वाले चूहों के शरीर में कैंसर कोशिकाएं धीमी गति से बढ़ीं.
उपवास वाले चूहे 908 दिन जीवित रहे. वहीं लगातार खाने वाले 806 दिन.
बुढ़ापे में शरीर की सक्रियता कम हो जाती है. आंख और कान भी कमजोर हो जाते हैं. चाल धीमी पड़ जाती है. लेकिन बुढ़ापे पर उपवास का कोई असर नहीं पड़ता.
शुरुआत में उपवास से दिक्कत
शुरू में उपवास करने से शरीर परेशान होता है, लेकिन वक्त के साथ उसे भूखे पेट रहने की आदत पड़ जाती है. 12 घंटे तक कुछ न खाने वाले लोगों का शरीर बेकार कोशिकाओं को साफ करने लगता है.
भूख और उपवास नई कोशिकाओं के निर्माण में फायदेमंद है.