Vastu tips sleeping direction in hindi-आप दिन का एक तिहाई समय शयन-कक्ष में व्यतित करते है। यदि बैड़रूम वास्तु नियमों के अनुसार सही दिशा में नहीं बना हो तथा बैड़रूम की साज सज्जा में वास्तु नियमों का पालन नहीं करेंगे तथा
शयन किस दिशा मे करें-Vastu tips sleeping direction in hindi
शयन वास्तु नियमों के अनुसार उचित दिशा में नहीं करेंगे तो उसका प्रभाव दिन के बाकि रहे दो तिहाई समय पर पड़ेगा।
स्वस्थ रहने के लिए अच्छी नींद आना जरूरी है परन्तु ऐसा नहीं हो पाता तथा अच्छी नींद न आने पर मन में खिन्नता, आलस्य,थकावट,कमजोरी आदि विकार उत्पन्न होते है।
जिसके परिणामस्वरूप दिन में सारे कार्य आप पूर्ण मन लगाकर नहीं कर पायेंगे। यही स्थिति ज्यादा दिनों तक रही तो आप बीमार पड़ सकते है।
जब आप वास्तु नियमों के अनुसार सोते है तो आपको ऊर्जा प्राप्त होती है तथा उस ऊर्जा का उपयोग आप दैनिक जीवन में कर सकते है।
यदि आप बीमार है तथा सोने में वास्तु-नियमों का पालन करेंगे तो आप जल्दी स्वस्थ हो जायेंगे।
क्या आप अच्छी नींद लेते है ?(Improve your sleep in hindi)
आप जानते है कि दो चुम्बक के समान ध्रुवो को पास-पास लाया जाता है तो उनमें प्रतिकर्षण होता है।
तथा दो असमान ध्रुवो में आकर्षण होता है। हमारी पृथ्वी भी एक चुम्बक है जिसमें उत्तर दिशा उत्तरी ध्रुव है तथा दक्षिण दिशा दक्षिणी ध्रुव है।
उसी प्रकार हमारा सिर उत्तरी ध्रुव है तथा पैर दक्षिणी ध्रुव है।
पृथ्वी की बल रेखाए उत्तर से दक्षिण ध्रुव की ओर बनती है।
Vastu tips sleeping direction in hindi
यदि आप अपना सिर उत्तर दिशा में तथा पैर दक्षिण दिशा में रखकर सोयेंगे तो विपरीत ध्रुवो में प्रतिकर्षण के कारण आपको नींद अच्छी नहीं आयेगी बुरे-बुरे स्वप्न आयेंगे शरीर तनावग्रस्त होगा
खराब विचार मन में पैदा होंगे तथा सोने पर छाती भारी-भारी महसुस होगी। अत: सिर उत्तर में रखकर सोना शास्त्र सम्मत नहीं है।
यदि पश्चिम की ओर सिर तथा पूर्व दिशा में पैर रखकर सोते है तो पृथ्वी की चुम्बकीय बल रेखाएं आपके शरीर के लम्बवत जाएगी।
महाभारत में बताया गया है कि इस तरह सोने से मनुष्य बीमार हो जाता है तथा संतान के लिए कष्टकारी होता है।
पश्चिम में सिर रखकर सोने से वास्तु शास्त्र के अनुसार भौतिक सुख व धन की प्राप्ति नहीं होगी शतपथ ब्राह्मण में बताया है कि पूर्व दिशा में देवताओं का वास है अत: इस दिशा में पैर करके सोने से देवताओं का अपमान होगा।
यदि पूर्व में सिर तथा पश्चिम में पैर रखकर सोने को शास्त्र सम्मत माना गया है इस अवस्था में गहरी नींद आती है तथा नींद से जागने पर व्यक्ति स्फुर्ति महसुस करता है सिरदर्द नहीं होता तथा ब्लड़प्रेशर ठीक रहता है।
सिर का कारक सूर्य गिना गया है तथा पूर्व दिशा में देवताओं का वास गिना है अत: इस प्रकार सोना शास्त्र सम्मत गिना गया है।
दक्षिण की ओर सिर रखकर सोना तथा उत्तर दिशा में पैर रखकर सोना सर्वश्रेष्ठ गिना गया है इस प्रकार सोने से विपरीत ध्रुवो में आकर्षण के कारण सुखद नींद आती है सुख सम्पति की प्राप्ति होती है।
तथा शरीर स्वस्थ रहता है । यदि आप बीमार है तो दक्षिण की ओर सिर तथा उत्तर में पैर रखकर सोयेंगे तो आप की बीमारी जल्दी ठीक हो जायेगी।
कई वास्तुशास्त्री पश्चिम में सिर व पूर्व में पैर रखकर सोने को सम समझते है अर्थात न लाभ होता है न न हानि होती है ऐसा मानते है।