संतोषी माता व्रत कथा:-Santoshi Mata KI Vrat Katha hindi एक बुढ़िया थी, उसके सात बेटे थे। 6 कमाने वाले थे जबकि एक निक्कमा था। बुढ़िया
Month: September 2021
जय लक्ष्मी रमणा,स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।सत्यनारायण स्वामी,जन पातक हरणा ॥ ॐ जय लक्ष्मी रमणा,स्वामी जय लक्ष्मी रमणा । रतन जड़ित सिंहासन,अदभुत छवि राजे ।नारद
॥ दोहा ॥जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल ।दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल ॥ जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय
ॐ जय श्री श्याम हरे,बाबा जय श्री श्याम हरे।खाटू धाम विराजत,अनुपम रूप धरे॥ॐ जय श्री श्याम हरे…॥ रतन जड़ित सिंहासन,सिर पर चंवर ढुरे ।तन केसरिया
जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी माता ।अपने सेवक जन की,सुख सम्पति दाता ॥ जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी माता ॥ सुन्दर चीर सुनहरी,मां धारण कीन्हो
जानिए ॐ जय जगदीश हरे आरती को किसने व कब लिखा था (Aarti Lyrics in hindi) सबसे ज्यादा लोकप्रिय आरती ओम जय जगदीश हरे 150 सालों