ॐ जय श्री श्याम हरे,बाबा जय श्री श्याम हरे ।खाटू धाम विराजत,अनुपम रूप धरे॥ॐ जय श्री श्याम हरे,बाबा जय श्री श्याम हरे । रतन जड़ित
Category: चालीसा/आरती
हिन्दू धर्म में संहार के देवता शिव की स्तुति है। इसकी रचना पंडित श्रद्धाराम फिल्लौरी ने थी।वास्तव में यह आरती त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु, एवं शिव)
ॐ नमः शिवाय ,ॐ नमः शिवाय श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान कहत अयोध्यादास तुम, देहू अभय वरदान जय गिरिजा पति दिन दयाला सदा
नमो नमो दुर्गे सुख करनी नमो नमो अम्बे दुःख हरनी निरंकार है ज्योति तुम्हारी तिहूं लोक फैली उजियारी शशि ललाट मुख महाविशाला नेत्र लाल भृकुटि
जय कुबेर स्वामी, प्रभु जय कुबेर स्वामी,हे समरथ परिपूरन ।हे समरथ परिपूरन । हे अन्तर्यामी ॥॥ ॐ जय कुबेर स्वामी ॥प्रभु जय कुबेर स्वामी.. जय
महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि ।हरि प्रिये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं दयानिधे ॥ पद्मालये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं च सर्वदे ।सर्वभूत हितार्थाय, वसु सृष्टिं सदा कुरुं ॥ ॐ जय लक्ष्मी
॥दोहा॥श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन हरण भवभय दारुणं ।नव कंज लोचन कंज मुख कर कंज पद कंजारुणं ॥१॥ कन्दर्प अगणित अमित छवि नव नील नीरद सुन्दरं
जय लक्ष्मी रमणा,स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।सत्यनारायण स्वामी,जन पातक हरणा ॥ ॐ जय लक्ष्मी रमणा,स्वामी जय लक्ष्मी रमणा । रतन जड़ित सिंहासन,अदभुत छवि राजे ।नारद
॥ दोहा ॥जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल ।दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल ॥ जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय
ॐ जय श्री श्याम हरे,बाबा जय श्री श्याम हरे।खाटू धाम विराजत,अनुपम रूप धरे॥ॐ जय श्री श्याम हरे…॥ रतन जड़ित सिंहासन,सिर पर चंवर ढुरे ।तन केसरिया
जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी माता ।अपने सेवक जन की,सुख सम्पति दाता ॥ जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी माता ॥ सुन्दर चीर सुनहरी,मां धारण कीन्हो
जानिए ॐ जय जगदीश हरे आरती को किसने व कब लिखा था (Aarti Lyrics in hindi) सबसे ज्यादा लोकप्रिय आरती ओम जय जगदीश हरे 150 सालों