गधा, कुत्ता और शेर से इन्सान ये बड़ी सीखें ले सकता है – चाणक्य नीति

• सुनने से धर्म का ज्ञान होता हैं, द्वेष दूर होता है और ज्ञान प्राप्त होता है. इस तरह माया की आसक्ति भी दूर हो जाती है.
• धनवान व्यक्ति के कई मित्र होते हैं. उसके कई सम्बन्धी भी होते हैं. धनवान को ही आदमी कहा जाता है और पैसे वालों को ही पंडित कह कर नवाजा जाता है.

• एक लालची आदमी को वस्तु भेंट कर संतुष्ट करें. कठोर आदमी को हाथ जोड़कर संतुष्ट करें. मूर्ख को सम्मान देकर संतुष्ट करें. विद्वान को सच बोलकर संतुष्ट करें.




• एक बेकार राज्य का राजा होने से यह बेहतर है कि व्यक्ति किसी राज्य का राजा ना हो. एक पापी का मित्र होने से बेहतर है की बिना मित्र का हो. एक मूर्ख का गुरु होने से बेहतर है कि बिना शिष्य वाला हो. एक बुरी पत्नी होने से बेहतर है कि बिना पत्नी वाला हो.

• शेर से सीख सकते हैं कि आप जो भी करना चाहते हो जिंदादिली और जबरदस्त प्रयास से करें
• इन्द्रियों को बगुले की तरह वश में करें, यानी अपने लक्ष्य को जगह, समय और योग्यता का पूरा ध्यान रखते हुए पूर्ण करें.
• मुर्गे से ये चार बातें सीख सकते हैं
पहली- सही समय पर उठें
दूसरी- निडर बनें
तीसरी- संपत्ति का रिश्तेदारों से उचित बटवारा करें
चौथी- अपने कष्ट से अपना रोजगार प्राप्त करें

• श्वान (कुत्ते) से ये चार बात सीख सकते हैं
पहली- बहुत भूख हो पर खाने को कुछ ना मिले या कम मिले तो भी संतोष करें
दूसरी- गहरी नींद में हों तो भी तुरंत क्षण में उठ जाएं
तीसरी- अपने स्वामी के प्रति ईमानदारी रखें
चौथी- निडर रहें
• गधे से ये तीन बातें सीख सकते हैं पहली- अपना बोझा ढोना ना छोड़ें.
दूसरी- सर्दी गर्मी की चिंता ना करें
तीसरी सदा संतुष्ट रहें.

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