corona virus se kaise bache in hindi

corona virus se kaise bache in hindi-कोरोना से बचने के आयुर्वेदिक उपाय जानिए

corona virus se kaise bache in hindi-सम्पूर्ण विश्व के अधिकांश भागों में कोविड़-19 (कोरोना) महामारी फैल रही है। भारत सरकार बचाव के पुख़्ता इन्तजाम कर रही है।

भारत सरकार, राज्य सरकारें, समस्त भारत चिकित्सक,मेडिकल स्टाफ,पुलिस प्रशासन, सफाई कार्मिक,हम सभी भारतीय इस संकट को टालने के लिए हर स्तर पर सहयोग कर रहे है।

ऐसे में हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाने की आवश्यकता रहती है। हम सभी संक्रमण से बचे इस की भी पुख़्ता व्यवस्था करे।

“बचाव ही उपाय है”
स्वच्छ रहे।
शाकाहारी बनें।
भीडभाड से दूर रहे।
अनावश्यक यात्रा टालें।
वैज्ञानिक तरीक़े अपनाएं,
“भयभीत न हो,”
भय का माहोल नही बनाए।
शरीर के अंग प्रत्यगों की सफाई रखे,
विदेश यात्रा से बचें।
विदेशी यात्रा कर आये लोगों को विशेष सावधानी की आवश्यकता है।
विदेशी नागरिकों के सम्पर्क मे आने पर सावधानी बरतें।
नमस्कार कर ही अभिवादन करें
साबुन या सेनेटाइजर का प्रयोग करें।
मास्क का प्रयोग करें।
नाक,आंख, मुख से निकले अपशिष्ट के निस्तारण की पुख़्ता व्यवस्था करें।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने गाइडलाइन के अनुसार, उबला हुआ पानी,हल्दी, तुलसी, गिलोय, संशमनी,त्रिकटु, कालीमिर्च, अदरक आदि का नियमित प्रयोग।
सर्दी जुखा़म खांसी बुखार हो तो अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
इन के बचाव के लिए कुछ आयुर्वेदिक औषधियाँ अपने निकटतम आयुर्वेद चिकित्सक की देख -रेख में सेवन कर इन बीमारियों से बचा जा सकता हैं।
बचाव ही उपाय है।

corona virus se kaise bache in hindi

(A).
1.महारास्नादि क्वाथ।
2.दशमूल क्वाथ।
3.गोजिह्वादि क्वाथ।
4.वातश्लेषमिक ज्वरहरक्वाथ।

चारों को समान मात्रा में मिलाकर रख लेवे। ये क्वाथ आयुर्वेदिक दवाइयों के स्टोर पर आसानी से मिल जाते हैं,

इस संमिश्रण मे से 5ग्राम (एक टी स्पून ) लेकर उसमें, एक लौंग,एक इलायची, दो कालीमिर्च, एक छोटा टुकडा अदरक, गिलोय की टहनी (लगभग 6 सेमी.), को 200 एम. एल. पानी में उबाल कर आधा शेष रहने पर छान कर पीवे।

स्वाद के लिए थोड़ी मिश्री डाल सकते हैं। इस क्वाथ को दिन में दोबार बनाकर लेवें।

(Corona Virus ) कोरोना वायरस से बचने के लिए क्या खाए और क्या ना खाए जानिए आयुर्वेदिक चिकित्सक से

(B).
1. नीम गिलोय की टहनी (लगभग 6 सेमी.)
2.पपीते के पत्ते का ताजा रस 10-10 एम. एल. निकाल कर छान कर पीवें।
(C).
1. नीम के 2 – 4 पत्ते
2. तुलसी के 2- 4 पत्ते
3. 2ग्राम हल्दी पाउडर
4. अदरक की एक टुकड़ी।
5. पांच मुनक्का दाख
6. एक टुकड़ी गिलोय। की टहनी (लगभग 6 सेमी.)

सभी द्रव्यो को कूट ले। सभी द्र्व्यो को 100 एम. एल. पानी में उबाल कर छान कर गुनगुना -गुनगुना पीवे। दिन में दो बार लेवें।
(D).
1. पांच मुनक्का दाख
2. दो ग्राम सोंठ
3. दो कालीमिर्च
4. एक छोटी इलायची
5. दो तुलसी पत्र
6. गिलोय की टहनी
7. दो ग्राम मिश्री।

मुनक्का को कुछ समय भिगोकर बीज निकाल कर अन्य द्र्व्यो के साथ कूट कर 200 एम. एल. पानी में उबाल कर आधा रहने पर छानकर दिन में दो बार लेवें। ( जिन व्यक्तियों के मधुमेह हो वे मुन्नका एवं मिश्री का प्रयोग नही करें।)
इन सभी प्रयोगों में से कोइ एक या दो प्रयोग योग्य आयुर्वेद चिकित्सक की देख रेख में लेवें।
आयुर्वेदिक औषधियाँ योग्य आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह से ले सकते हैं। इन औषधियों को चिकित्सक रोगी, रोग, वय, बल, के अनुसार निरधारित करता है साथ ही चिकित्सक द्वारा बताए पथ्य का सेवन करना आवश्यक हैं।
(E).
1.संजीवनी वटी
2.आन्दभैरव रस
3.त्रिभुवनकीर्ती रस
4.हरिताल गोदन्ती भस्म
5. कस्तुरी भैरव रस
6.सर्व ज्वरहर लौह
7.गिलोय सत्व
8.पुट पक्व विषम ज्वरान्तक लौह
9.महासुदर्शन घन वटी
10. करंजादि वटी
11.संशमनी वटी

इनऔषधियों मे से कोइ एक या अधिक का मिश्रण आयुर्वेद चिकित्सक के परामर्श से मात्रा निरधारित करा कर विधिपूर्वक लेने से सभी ज्वरो का नाश होता है।
(F).
ऐसे मौसम में खान पान मे भी सावधानी रखे।
सादा सुपाच्य भोजन करना चहिए। खाद्य पदार्थ ताजा एवं गरम ही खाएं।
ठंडे बासी संक्रमित वस्तु से बचें
ताजा फल( चीकू ,पपीता ,अनार ,सेव,)
दूध अदरक ,इलायची,मुलेठी,आदि मे उबाल कर लेवे।
टिण्डे, तुरही, परवल, लौकी, आदि सब्जियाँ व मूंग की पतली दाल लेवें।
पानी उबाल कर ठण्डा कर पीवें।
(G).
अपने आस पास के परिसर की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखे।
पानी इकठा नही होने देवें। मच्छरों से अपना बचाव करें।
(H).
जीवाणु विषाणु, कीटाणु,मच्छर,मक्खी,एवं अन्य कीटों से रक्षा के लिए:-
कपूर 5 ग्राम ,गुग्गुलु 20 ग्राम, लौहबाण 5 ग्राम,
नीम के पत्ते 100 ग्राम,
प्राकृतिक धूम(धूप) से परिसर को कीटणु रहित बनाया जा सकता है।
(I).
रात सोते समय कपूर 5 ग्राम नीम तैल50 एम. एल. सरसों तैल 200 एम.एल. के सम्मिश्रण कर आवश्यकतानुसार शरीर पर लगाकर , शरीर की सुरक्षा की जा सकती है।
“आयुर्वेद अपनाएं”।
“देश की हवा। देश की माटी।
देश की दवा। देश का पानी।”
वैद्य रवीन्द्र गौतम. 9414752038.
वैद्य चन्द्रकान्त गौतम, वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी राजकीय आयुर्वेद औषधालय, चिराणा, झुन्झुनू, राजस्थान,

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