Deepavali yantra siddhi in hindi-दीपावली का त्यौहार सभी अपने तरीके से मनाते हैं कोई मंत्र सिद्ध करता है तो कोई यंत्र सिद्ध करता है कोई लक्ष्मी पुजन करता है तो कोई साबर मंत्र सिद्ध करता है।
तांत्रिकों के लिए दीपावली की रात्रि उच्च स्तर की तांत्रिक साधनाओं के लिए श्रेष्ट है। इसमें उच्च स्तर की तंत्र साधना सिद्ध की जाति है।
दीपावली पर यंत्र की सिद्धि कैसे करे।deepavali yantra siddhi in hindi
कई व्यक्तियों के लिए यह खुशी का त्यौहार है लेकिन इस समय अगर लक्ष्मी की उपासना की जाए तो साल भर आर्थिक उन्नति की और व्यक्ति अग्रसर हो सकता है।
वैसे दीपावली पर सभी लक्ष्मी पुजन करते है यदि दीपावली की रात्रि को अर्थात महानिशाकाल में सिंह लग्न में यदि लक्ष्मी उपासना की जाए तो श्रेष्ट फल प्राप्त होता है।
इस समय में यदि यंत्र को बनाया जाए तो यंत्र सिद्ध हो जाता है क्योंकि प्रकृति का सांमजस्य इस समय इश प्रकार होता है कि मन की एकाग्रता हो जाती है।
मैं आपको कोई भी यंत्र सिद्ध करने की विधि बता रहा हूं ।
आपने देखा होगा की प्रत्येक व्यक्ति लक्ष्मी यंत्रो को बनाता है परन्तु जितनी सफलता मिलनी चाहिए उतनी नहीं मिलती जबकि यंत्र साधना तुरंत फल देती है।
मेरे कुछ परिचित दीपावली की रात्रि को यंत्रो को भोजपत्र पर बनाते है परन्तु आर्थिक समस्याएं दुर नहीं होती तो मेरे मन में आया कि
आप आज रात्रि महानिशाकाल में यंत्रो को मेरे कहे अनुसार बनाए तो आपको शीघ्र फायदा होगा।
आपने देखा होगा जब कोई साइकिल चलाना सिखता है तो कभी पैड़ल मारना भूल जाता है तो कभी जरूरत पड़ने पर ब्रैक मारना भूल जाता है
ओर दुर्घटना का शिकार होता है परन्तु जब वह साइकिल चलाना सिख जाता है तब उसको सोचना नहीं पड़ता की कब पैड़ल लगाना है या ब्रैक मारना है एक प्रकार से वह इस क्रिया में पारंगत हो जाता है
क्योंकि उसके अवचेतन मन में साइकिल चलाने की क्रिया बस जाती है तथा उसका अवचेतन मन साइकिल को संभालता है
जिस प्रकार खाना खाने पर भोजन के पाचन के लिए हमें सोचना नहीं पड़ता,सोते समय श्वास लेने के लिए हमें सोचना नहीं पड़ता यह क्रिया स्वतः होती रहती है ।
कैसे करे यंत्र सिद्धि ।
जब तक हमारा अवचेतन मन जब तक किसी कार्य को नहीं समझ जाता तब तक उस काम में सफलता नहीं मिलती।
साइकिल हम बार-बार चलाते है तो अवचेतन मन साइकिल चलाना सिख जाता है।
उसी प्रकार यंत्र साधना करते समय हमारा अवचेतन मन में यंत्र साधना नहीं पहुंचती तब तक हमें सफलता नहीं प्राप्त होती ।
मैं आपको कुछ स्टेप बता रहा हूं जिसका पालन करने से यंत्र अवचेतन मन तक पहुंच जाएगा तथा आपको सिद्धि प्राप्त हो जाएगी।
स्टेप (1) – यंत्र को कागज पर पेंन से तक तक बनाए जब तक आपको अच्छी प्रेक्टिस ना हो जाए।
स्टेप (2) – अपनी तर्जनी अंगुली(अंगुठे के पास वाली) से यंत्र को हवा में बनाए ।
स्टेप (3) – आंखे बंद करके बैठ जाए ओर तीसरे नेत्र पर मन से बनाए। तीसरे नेत्र पर बनाते समय बॉडी को स्थिर रखे तथा चमकीले रंगो से बनाए।
स्टेप (4) -आंखो को खोलकर जो दीवार आपके सामने हो या जो वस्तु आपके सामने हो उस पर आंखो से यंत्र बनाए। इस समय आंखो को स्थिर रखना है तथा मन से यंत्र को बनाना है
आपको उस समय आंखो के सामने यंत्र दिखने लग जाना चाहिये अर्थात आपको कल्पना में यंत्र सामने दिखना चाहिए।
दर्पण तो नहीं आपकी परेशानियों का कारण :-
इस प्रकार प्रेक्टिस करने से यंत्र सिद्ध हो जाता है दीपावली की रात्रि पर ये यंत्र बना लेने के पश्चात् रोज़ दो से पांच मिनट आंखो से या तीसरे नेत्र पर प्रेक्टिस करते रहे।
जब वर्षभर के प्रत्येक नक्षत्र में यह यंत्र आप बना लेते है तब आप इस काबिल हो जाते है कि यंत्र से दुसरो का दुःख दुर कर सके।
यदि आप किसी के मकान में या किसी ऐसे स्थान पर जाए जहां आपको नकारात्मक उर्जा का एहसास हो तो इस यंत्र को आप खुली आंखो से बना सकते है
ताकि किसी को पता ना चले ओर वहां कि नकारात्मक उर्जा दुर हो जाए।
यदि आपको कोई ऐसा व्यक्ति या घर मिलता है जो आर्थिक समस्या से ग्रस्त हो या कोई व्यक्ति शारीरिक समस्या से ग्रस्त हो उस व्यक्ति या
मकान पर यंत्र बनाने की कल्पना करने मात्र से उस व्यक्ति या मकान की समस्या दुर हो जाएंगी जिसका आपको पुण्य लाभ प्राप्त होगा।
यंत्र सिद्ध करने पर आपके मन में वसुधैवकुटुम्बकम अर्थात पुरा विश्व मेरा परिवार है इस प्रकार की भावना मन में रखनी है अर्थात सभी सुखी हो।
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