Importance of religion in life in hindi

मनुष्य जीवन में धर्मो का महत्व -(Importance of religion in life in hindi )

Importance of religion in life in hindi – मैं एक दिन गार्डन में बैठा हुआ था और मेरे पास ही कुछ बच्चे खेल रहे थे…..मेरा मन उन बच्चों की ओर गया जो पुरी लगन से खेल रहे थे…मै भी सब कुछ भुलकर उनका खेल देखने लग गया….

धर्मों का महत्व (Importance of religion in life in hindi )

उन बच्चों के पास अलग-अलग वाहनों के खिलौनें थे….एक के पास कार थी तो दुसरे के पास ट्रक था, तीसरे के पास बस थी,चौथे के पास मोटर साइकिल,पांचवे के पास क्रेन,छठे के पास हवाईजहाज़ और सातवे के पास रेलगाड़ी थी…..

वे अपने खिलौनों के बीच रेस लगा रहे थे और अपने खिलौने के बारे में बढ़ा चढ़ाकर खुबिया बखान कर रहे थे….उनकीं वो तोतली व मीठी आवाज़ में बातें सुनने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था….

तभी मेंने देखा की वह अचानक आपस में लड़ने लगे…पहले वह अपने खिलौनों की तारीफ कर रहे थे अब वे दूसरों के खिलौनों की बुराईयाँ गिनाने लगे ओर अपने खिलौने को सर्वश्रेष्ट बताने लगे…

तभी अचानक एक ने दूसरे के खिलौने को फेंक दिया तो दूसरे ने उसके खिलौने को फेंक दिया और वे गुत्थम-गुत्था हो गए….जहां पहले स्वर्ग का माहौल था वहां तुरन्त ही नर्क का माहौल बन गया…

तभी वहां एक बड़ा बच्चा वहाँ आया ओर उसने उनकीं लड़ाई के शांत किया ओर पुछा कि ऐसा क्या हो गया कि तुम सब लड़ने लग गए….

तब उन बच्चों मे बताया कि दूसरा बच्चा उसके खिलौने की बुराई कर रहा था ओर अपने खिलौनें को अच्छा बता रहा था…..

तब उस आने वाले लड़के ने सबकों बताया कि अरे तुम्हारे सब खिलौने प्लास्टिक के बने हुए है मतलब की सब एक जैसे है किसी का भी खिलौना अच्छा या किसी का भी खराब नहीं है…ये तो दिखने में अलग-अलग दिख रहे है…

पर है तो सब प्लास्टिक के बने हुए…मतलब की सब एक जैसे ही है….उस लड़के की बात सुनकर लड़ाई को छोड़कर सभी पहले जैसे अपने खेल में मस्त हो गए….मानो जैसे उनकें बीच कुछ हुआ ही नहीं हो….

Importance of religion in life in hindi

तभी अचानक इस पुरे सीन को देखकर मुझे एकदम से झटका लगा…अरे हम भी तो यहीं गलतियां कर रहे है…इस दूनियां में धर्म के नाम पर जितना खून दुनियां में बहां है,

जितनी बड़ी लड़ाईयां हुई है और आज भी दंगे , फसाद, आतंकवाद आदि बढ़ रहे है उसका सबसे बड़ा कारण धर्म ही तो है….

हम अपने धर्म के विचारों की कितनी भी तारीफ करे अपने धर्म को श्रेष्ट बताए….उससे दुनियां में किसी को कोई आपत्ति नहीं है पर व्यक्ति जब दूसरे के धर्म की बुराई करके अपने धर्म को श्रेष्ट साबित करना चाहता है,

लड़ाई का असली कारण दूसरे के धार्मिक विचारों की हंसी उड़ाना ही है….

संत हमें बार-बार समझाते है कि हम सभी एक है क्योकिं सबमें एक ही आत्मा है हमें जिसने बनाया है वह परमात्मा भी एक ही है वो तो हम पैदा करने वाले परमात्मा को अलग-अलग नामों से पुकारते है…

जैसे आप एक ही व्यक्ति है परन्तु कोई आपको पिता कहकर पुकारता है,ओर कोई आपको अंकल तो कोई दादा,या आपके जॉब के हिसाब से आपको बुलाते है…पर तुम हो तो एक ही ना….

हम अपनी धार्मिक विचारधारा का कितना ही बखान करे उसे श्रेष्ट बताए इससे दूसरों को कोई भी आपत्ति नहीं है पर

जब हम दूसरें के धार्मिक विचारधारा का मज़ाक उड़ाते है उसकी बुराई करके खुद के धर्म को श्रेष्ट बताना चाहते है…लड़ाई की असली जड़ यहीं है….

इतनी छोटी सी बात हम नहीं समझ पाए औऱ धार्मिक लड़ाईयों में लाखों लोगो में अपने प्राण गवाए है…

धर्म तो हमारा मूल स्वभाव है…धर्म के आदर्शो को ज़िन्दगी में उतार कर तो जिया जाता है…हमें अपने हृदय को काफी विशाल बनाना पड़ेगा और

दूसरों के धर्म की आलोचना करनी छोड़नी होगी और कोई अन्य धर्म का व्यक्ति हमारे धर्म की आलोचना करता भी है तो

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हमारा धर्म किसी खतरे में नहीं आएगा वह इतना कमजोर नहीं है कि किसी दूसरे धर्म वाले द्वारा कुछ आलोचना करने से उसका कुछ बिगड़ जाएगा….

मैं जब धार्मिक दंगो को देखता हूं तो मेरी आत्मा में बहुत पीड़ा होती है….मनुष्य जिसे बुद्धिमान प्राणी कहा जाता है व जानवर से भी बदतर व्यवहार कभी-कभी करता है…

अपनी मनुष्यता को खो देता है…जानवर भी अपनी जाति का शिकार नहीं करते और हम मनुष्य होकर मनुष्य को मारते है…

अगर आप ये समझते है कि दूसरे धर्म व संप्रदाय वाले को हानि पहुचाओंगे तो तुम जिसको मानते हो वह परमात्मा या ईश्वर तुम्हे अपना प्रिय मानेगा तो यह तुम्हारी बहुत बड़ी भूल है…

बेकसुरों का खून बहाने वालो तुम्हारा इष्ट तुम्हे कभी भी क्षमा नहीं करेगा तुम जीते जी तो नरक भोगोगे और मरने के बाद भी तुमकों मुक्ति नहीं मिलेगी…

मेरा तो ये मानना है कि परमात्मा का मंदिर तो यह शरीर है..प्रत्येक में परमात्मा का निवास है…जो जीवित देव है उनकीं सेवा करो,सेवा ही धर्म है…सेवा से ही अहंकार का नाश होता है और परमात्मा प्राप्ति का रास्ता खुलता है…..

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