importance of sanskar in hindi – शायद ही कोई ऐसा होगा जो ये नहीं जानता होगा की संस्कारो का क्या महत्व है पर हर बार में आपको ये बताता हूं कि लोग जो बात सबसे ज्यादा जानते है उसे ही नज़र अंदाज करते है…
हमारे जीवन में संस्कारों का महत्व importance of sanskar in hindi
आज मैं ये बात इसलिए लाया हूं कि आज कि यूवा पीढ़ी से माता-पिता बहुत परेशान है….
आज की यूवा पीढ़ी अपने माता-पिता की बातों को अनदेखा करते है….
असल में अगर आपका बच्चा आपकी बात नहीं समझता है या आपके कहने के बाद भी आपकी बातों को अनदेखा करता है तो उसका कारण आप खुद हो…..
ज़रा भी आश्चर्य में ना पड़े में ये बात जानता हूं कि आपके दिमाग में ये बात आ रही होगी कि आपने अपने बच्चे को बहुत अच्छे संस्कार दिये है पर असल में ऐसा नहीं है….
हमें माता-पिता की सेवा क्यों करनी चाहिये ?
आपने कई परिवारों में ये देखा होगा कि दो भाइयों के व्यवहार में भी बहुत ज्यादा अंतर होता है…..
आपने कभी ऐसा सोचा कि ऐसा क्यों होता है…..माता-पिता तो समान होते है फिर भी बच्चों के व्यवहार में इतनी असमानता क्यों…..
आप कभी भी किसी भी भाई बहन को देखना उसमें दोनो में से एक बहुत ही संस्कारी और समझदार होगा ओर
माता-पिता को उसकी कोई टेंशन नहीं होती होगी ओर दुसरे के पीछे वे आजीवन परेशान रहते होंगे…
उसका सबसे बड़ा कारण है कि जो संस्कार विहीन है उस पर आपका ध्यान कम जाता होगा….
आप संस्कार दोनो को बराबर देते हो पर किसी की गलतियों पर पर्दा डालते हो और दुसरे की छोटी से छोटी गलतियों पर उसे आगाह करते हो…importance of sanskar in hindi
कभी-कभी माता-पिता इसमें गलत नहीं होते है कुछ बड़े बुजुर्ग ओर कुछ रिश्तेदार भी गलत होते है….जब माता-पिता उसे डांटते है तब वे बीच में आकर उसकी साइड़ ले लेते है जिस वजह से भी दिक्कत आती है पर
ऐसे समय में माता-पिता इतना ध्यान नहीं रख पाते पर धीरे-धीरे उस बच्चे को अपनी वेल्यू ज्यादा लगने लगती है….
ये तो हो गई वो बांते जिसमें आप ये समझ गए होंगे की संस्कार अगर नहीं मिले तो क्या होगा….
अब हम आते है कि संस्कार कैसे दे….
• बच्चे के माता-पिता पहले एक दुसरे को इज्जत दे….लड़ाई झगड़े बच्चों के सामने ना करे…और जीवन भर एक दुसरे को समान सम्मान दे….
• जब कोई बच्चा गलती करता है तो उसे उसी समय उसकों डांटे और साथ ही अपने दुसरे बच्चे को ये हिदायत दे कि वो भी कभी ऐसा सोचे भी नहीं…
• आप किसी भी धर्म के हो अपने बच्चों को धर्म से जोड़े…
• समाज से जुड़ी हुई सभी बांतो को उनके सामने रखे और ये भी बताए कि हर रिश्तों की एक अलग एहमीयत होती है….
• समाज से जुड़े हर कार्यक्रम में उन्हें जोड़े…
• अगर बच्चों को समाज से जुड़ना नहीं पसंद फिर भी उन्हें समझाकर उन्हें ले जाए….
• ये बात निश्चित रखे की जितनी पढ़ाई महत्वपूर्ण है उतनी ही हर चीज़ महत्वपूर्ण है….
• कभी भी अपने बच्चों की तुलना ना करे…अगर कोई करता है तो उसे जरूर टोंके…क्योंकि इस संसार में हर कोई व्यक्ति कुछ नया करने के लिए जन्म लेता है…..
धन्यवाद