kya udhar mangna sahi hai in hindi-क्या आप भी किसी से उधार मांगते है-
दोस्तों वैसे आप उधार शब्द से बहुत अच्छे से वाकिफ होंगे…लोगो की आम बोलचाल की भाषा में इस शब्द का प्रयोग होता है…
और साथ ही हर कोई किसी ना किसी से उधार जरूर मांगता है…
उधार के भी बहुत से अलग-अलग प्रकार है….
दोस्तों उधार मांगने का ये मतलब कतई ना निकाले की हमने किसी से पैसे उधार लिये…
ये भी ना निकाले कि दुकानदार से सामान ले आए और बाद में देंगे ऐसा बोल कर उधार रखकर आ गए…
उधार मांगने का मतलब है अपना स्वाभिमान खोना…वो कैसे मैं आपको बताता हूं…
दोस्तों हम जब भी किसी से कोई भी चीज मांगते है तो हमें ऐसा लगता है वो मेरा खास है तो उसे वो चीज़ देने में कोई हर्ज नहीं होगा… पर असल में ऐसा नही होता है…
कोई भी व्यक्ति अपनी चीज़ किसी को देना नहीं पसंद करता…वो बात अलग है कि वो खुद अपने मन से दे रहा हो….
आप जब भी किसी से कोई चीज़ मांगते है तो वो आपके उसके साथ के रिलेशन के कारण….आपको देता है…
ना चाहते हुए भी वो आपको वो चीज़ देता है वो कभी कुछ बोलेगा नहीं पर उसके दिमाग में आपकी छवि गलत बनने लग जाती है….
ओर एक बार कुछ भी देने के बाद वो आपसे बचने लगेगा….
ओर उसके दिमाग में आपको देखते ही यही बात चलेगी की वो उधार आप कब चुकता करोंगे…..
शर्म की वजह से वो आपको बोल नहीं पाएगा….पर आपके साथ वो अच्छा ही व्यवहार करेंगा जैसे उसको कोई चिंता नहीं है…
पर मन ही मन वो आपको गाली दे रहा होगा….साथ ही दोस्तों उधार मांगने ओर देने से आपके रिलेशन किसी से भी जल्दी खराब हो जाएंगे….
अगर आप किसी से कुछ लेते हो ओर आपके कमीटमेंट के अनुसार वो चीज़ आप समय अनुसार उसको दे देते हो तो आप पर उसका विश्वास बन जाएगा…
ओर कुछ भी देने में कभी हिंचक महसुस नहीं करेगा….दोस्तों मैंने भी बहुत सी बार महसुस किया है कि जब भी किसी की जरूरत हो तो वो हमसे दयनीय स्थति में मांगते है….
kya udhar mangna sahi hai in hindi
मानो अगर वो मदद या पैसे नहीं दिया तो कुछ बहुत बुरा हो जाएगा….पर दोस्तों वो पैसे देने का जब कमीटमेंट करते है तब जब हम उनसे मागंते है तो उनका रवैया कुछ बदल सा जाता है…
क्या लोगो को अपना ही पैसा मांगने में शर्म महसुस होती है –
ओर वे बड़े आसानी से बोल देते है कि भाई दे देंगे आपको भरोसा नहीं है ….फिर वो हमें देते ही नहीं है….फिर हम भी बोलना छोड़ देते है क्योंकि रिलेशन ना बिगड़े…..पर जब कभी हमें जरूरत पड़ जाए…
ओर हम हमारे ही पैसे किसी से मागंते है तो हमारा अपना दोस्त जिसे हमने मदद की थी वो हमारा दुश्मन बन जाता है ओर पैसे भी नहीं देता…
अब दोस्तों आप बताओ हमने जो अपने दोस्त को मदद की उसका कितना बड़ा खामियाज़ा हमने भुगता….पैसे भी गए ओर दोस्ती भी गई….मैं ऐसा नहीं कहता कि आप मदद ना करों…
करों पर ऐसे व्यक्ति की करों जो आपको आपकी जरूरत के समय मदद कर सके…या फिर जिसको भी मदद करों उससे मिलने की उम्मीद छोड़ दो….
दोस्तों कुछ लोग एक दुसरे से कपड़े भी मांगते है…ज्यादातर लड़कियों में ये आदते होती है…
पर लड़कियां ये बात भुल जाती है कि हर किसी की अपनी Personality होती है अगर कोई चीज़ अगर किसी पर अच्छी लग रही है तो वो आप पर भी अच्छी लगे जरूरी नहीं है…
साथ ही दोस्तों में आपको बता दूं कि कभी से किसी से मांग कर ना पहने अपने पास जो है
उसमें संतुष्ट रहे अगर नहीं है आपके पास तो मेहनत करे ओर अपने पैसे से खरीद कर इस्तेमाल करे…
कभी किसी से भी कुछ लेकर जीवन भर उसके सामने जुकना कहा की समझदारी है….
कभी किसी से उधार ना ले
इसलिए उधार से बचे…उधार मांगना मतलब अपने स्वाभिमान को किसी को भी गिरवी देना है…इसके बाद भी अगर आप किसी समस्या में पड़ जाते है
ओर आप किसी से उधार लेते है तो अपने कमीटमेंट के अनुसार वो पुरा जरूर करे तभी लोगो को आप पर भरोसा होगा…
वहां पर आपका स्वाभिमान बना रहेगा….
धन्यवाद