पाप करने से कैसे बचे -Pap se kaise bache hindi
Pap se kaise bache hindi – मानव मात्र को दुसरे की गलती जल्दी से दिख जाती है परन्तु स्वयं की गलती दिखाई नहीं देती। तुलसीदास कहते है कि हमें सपने में भी दुसरो का दोष नहीं देखना चाहिए।
प्रत्येक जीव कोई ना कोई गलती करता है यदि व्यक्ति कोई गलती या पाप न करे तो वह भगवान बन जाता है।
भुलवश हुए पाप को हम मान ले तथा पश्चाताप करे। परमात्मा से पापों की निवृति के लिये प्रार्थना करे तो हम मनुष्य है। यदि भुलवश हमसे पाप हो जाय तो उसे छिपाना नहीं चाहिए।
दुसरों को अपने पाप के बारे में नहीं बता सकते तो परमात्मा को एकान्त में बता दिजिए।
परमात्मा से अपने पाप के लिए क्षमा मांगिएं यदि आपने अपने पाप को प्रकट नहीं किया तथा मन में छिपाकर रखा तो पाप आपको संक्रमित करेगा।
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धीरे-धीरे वह आँखों में,मन में,वाणी में तथा फिर आचरण में आ जायेगा तथा आपको पापी बना डालेगा।
यदि पाप करने पर भी आपको यह पता न चले की आपने पाप किया है तो आप पशु है।
यदि अनजाने में गलती होने पर सुधार लिया तो आप मनुष्य है। पाप करने की हमको जन्मों से आदत है अतः यह हमें आकर्षित करता है।Pap se kaise bache hindi
शरीर की अपेक्षा मनुष्य जीभ से, जीभ की अपेक्षा आँख से तथा आँख की अपेक्षा मन से अधिक पाप करता है ।
इन्द्रियों से आत्मा इतना जुड़ जाता है कि इन्द्रियाँ पाप करती है तो आत्मा रोकती नहीं है तथा मनुष्य पापी बन जाता है।
लोग मानते है कि थोड़ा बहुत पाप तो करना ही पड़ता है तथा मंदिर,मस्जिद,गिरजाघर,गुरूद्वारे में जाकर थोड़ी बहुत भेंट चढ़ा दे तो परमात्मा हमारे पाप को नष्ट कर देगें। ऐसी विचारधारा रखना गलत है ।
यदि तुम भगवान की भक्ति न करो तो कोई बात नहीं परन्तु अपने आचरण को शुद्ध करो,पाप से बचों-बलदेव रावल
प्रत्येक में परमात्मा विघमान है ऐसा मानों तो आप पाप करने से बच सकते है । जब तक आप में भेद बुद्धि है तब आप जीव है तथा जब ब्रह्म ही सर्वव्यापक मानते है।
अर्थात आप में जो आत्मा विघमान है वहीं सबमें विघमान है तो आप पाप से बच सकते है।