श्रावण मास में कैसे करे अपनी मनोकामना पूर्ण-shravan maas in hindi
shravan maas in hindi-श्रावण मास भगवान शिव की आराधना का महीना है। श्रावण मास शिव को प्रिय है क्योंकि पार्वती जी ने शिव को हर जन्म में पति रूप में प्राप्त करने के लिए निराहार रहकर श्रावण मास में तपस्या की तथा शिवजी को प्रसन्न किया ।
श्रावण मास में शिवजी का अभिषेक किया जाता है तथा उन पर बिल्वपत्र (बेलपत्र) चढ़ाते है।
बिल्वपत्र (बेलपत्र) शिव पर चढ़ाने से शिवजी प्रसन्न होकर भक्तों की इच्छा पूर्ण करते है।
श्रावण मास में रूद्राभिषेक स्वयं किया जाय या ब्राह्मणों से करवाया जाय तो भी भगवान शिव भक्तों की इच्छा पूर्ण करते है।
यह देखा गया है कि व्यक्ति रूद्राभिषेक तो करवाता है परन्तु स्वयं इसमें शामिल नहीं होता तो उसे फल कम मिलता है।
यदि आपको रूद्री पाठ नहीं आता है तो पण्डित जो रूद्री पाठ करते है उसे अपने कानो से सुने तो उसका पूर्ण फल प्राप्त होता है।
यदि आपको रूद्री पाठ नहीं आता है तो आप “ऊँ नमः शिवाय” का जाप करते हूए शिव पर बिल्वपत्र(बेलपत्र) चढ़ाये तो आपकी मनोकामना पूर्ण होती है।
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श्रावण शब्द की उत्पत्ति श्रवण शब्द से हुई है जिसका अर्थ है सुनना।
यदि श्रावण मास में तुम शिव पुराण अर्थात शिव कथा को सुनते हो तो भी तुम्हारी आत्मा के उद्धार के लिए बहुत अच्छा रहता है।
शिव कथा सुनने से तुम्हारे मन में शिव भक्ति मजबुत होती है।
यदि तुम निराहार रहकर श्रावण मास नहीं कर सको तो फलाहार के साथ भी श्रावण मास कर सकते हो यदि उपवास न कर सको तो व्रत करे अर्थात एक वक्त भोजन करे।
परन्तु श्रावण मास करते समय ब्रह्मचर्य का पालन करो तो अच्छा रहता है। श्रावण मास का व्रत करने से पापों का नाश हो जाता है तथा मनोकामना पूर्ण होती है।
यदि तुम चाहो तो श्रावण मास में मिट्टी के शिवलिंग रोज बनाकर उनकीं पुजा भी कर सकते हो ।
कई व्यक्ति अपने सामर्थ्य के अनुसार मिट्टी के शिवलिंग रोज बनाकर उनकीं पुजा करते है।
परन्तु ध्यान यह रखना है कि प्रत्येक दिन समान संख्या में शिवलिंग बनाये तथा उनका पुजन करें।
तथा शिवलिंग बनाते समय अपने मन में “ऊँ नमः शिवाय” मंत्र मन में चलता रहे। शिवलिंग बनाने के बाद उनकी पंचोपचार पुजा करें।
इससे भी मनोकामना पूर्ण होती है।
अति सुंदर व्याख्या