success thoughts in hindi-आप न तो शक्तिशाली है नहीं कमजोर। आपका मन ही आपको कभी शक्तिशाली बनाता है तो कभी कमजोर।
सफलता के सूत्र-success thoughts in hindi
एक कहावत है “ मन के हारे हार है मन के जीते जीत ” अर्थात किसी भी कार्य के प्रारम्भ में ही आपके मन में हार की आशंका हो तो आपको निश्चित ही असफलता मिलेगी यदि मन में जीत का विश्वास भरा हुआ हो तो निश्चित सफलता मिलेगी।
मन में हम जैसा सोचते है वैसा ही हमको फल प्राप्त होता है यदि आप अच्छे परिणाम की आशा रखते है तो अच्छा फल प्राप्त होता है तथा आप बुरे परिणाम की आशंका रखेंगे तो आपको बुरा फल प्राप्त होगा।
अच्छा सोचे या बुरा यह सब आप पर निर्भर है आप स्वयं शिव का रूप है आप अपने चारो ओर की सृष्टि का निर्माण आप स्वयं कर सकते है अर्थात जैसी परिस्थितियां चाहिये उसका निर्माण आपके ही हाथों में है।
मन अपने आस-पास देखते है तो पता चलता है कि समान परिस्थितियों में रहने वालों में कोई तो सफलता की सीढ़ीयां लगातार चढ़ता जाता है जबकि कोई जहां है
वहां से आगे बढ़ ही नहीं पाता तथा बार-बार असफल होकर ओर नीचे गिरता चला जाता है।
आप ज़िन्दगी में सफल होना चाहते है या असफल सब आपके ही हाथों में है।
सफलता के लिए आवश्यक है आपको अपने आप पर विश्वास होना चाहिये। अपने में विश्वास जगाने के लिए जो भी कार्य आप कर रहे है
उसका पूर्ण ज्ञान आपको होना चाहिये यदि आपके पास ज्ञान नहीं है तो आपको जो व्यक्ति उस कार्य को करते आ रहे है उनसे ज्ञान प्राप्त करना होगा।
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यदि वे सफल है तो क्यों सफल है उनमें ऐसी क्या विशेषताऍ है जिसने उनको सफल बनाया है तथा कुछ व्यक्ति जो उसी कार्य में असफल हुए है तो उनमें क्या कमियॉ थी जिसने उन्हें असफल किया।
इसके साथ ही जो भी कार्य आप करना चाहते है उसका पुरा ज्ञान आपको होना आवश्यक है।आपको पुरा ज्ञान है परन्तु मन में पूर्ण विश्वास नहीं है
अर्थात मन में यह आशंका है कि मैं कहीं असफल तो नहीं हो जाऊंगा ऐसा स्थिति घातक है मन में ज़रा भी संशय नही रखना है।
गीता में कृष्ण ने कहा है कि संशयात्मा विनश्यति। अर्थात जिसके मन में संशय है उसका विनाश हो जाता है यदि आप कार्य पूर्ण होने में आपको संदेह होगा तो कार्य में सफलता नहीं मिलेगी अत:
ऐसी स्थिति में यदि आपके मन में ईश्वर के प्रति पूर्ण श्रृद्धा होगी तो आप सफल हो जायेंगे ईश्वर पर आपका विश्वास आपके मन के दृढ़ करेगा।
जो भी कार्य आप करने जा रहे है उसका आपको पूर्ण ज्ञान है साथ ही आपको ईश्वर पर या अपने ईष्ट पर पुरा विश्वास है तो आप निश्चित सफल होंगे।
आपके मन के संशय को परमात्मा पर आपका विश्वास दुर कर देगा। ऐसी स्थिति के लिए गीता में कृष्ण ने कहा है कि “ कर्मण्ये वाधिका रस्ते मा फलेषु कदाचन” अर्थात तेरा कर्म करने में ही अधिकार है
अत: कर्म करता जा फल की इच्छा न रख इस सुत्र को अपनाकर आप पूर्ण मन लगाकर कार्य करेंगे तो निश्चित आपको सफलता प्राप्त होगी।
जो भी कार्य आप कर रहे है
उसका पूर्ण ज्ञान आपको सही दिशा प्रदान करेगा तथा ईश्वर पर पूर्ण श्रृद्धा आपके विश्वास को दृढ़ करेगी तथा आप निश्चित सफल होंगे।