Think positive in hindi by jivandarshan

सकारात्मक सोच कैसे बनाये ।Think positive in hindi

खुद को सकारात्मक विचारो की ओर कैसे ले जाए(Think positive in hindi)

Think positive in hindi -दोस्तों अगर सकारात्मक विचारों की बात आती है तो हमारे दिमाग में बड़े-बड़े लोगो की कई बाते घुमने लगती है और आज तक हमने जो कुछ भी पढ़ा है या समझा है वो याद आ जाता है….

पर दोस्तों असल में खुद को सकारात्मक करना अपने आपको ब्रह्म बना देने की क्रिया है….मतलब की वो पॉसिबल नहीं है…मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि आप कैसे भी माहोल में चले जाए….

वहां जाकर आप सकारात्मक हो जाए…पर जैसे आप उस सकारात्मक माहोल से अलग हुए…चंद मिनटो में आप जैसे थे वैसे हो जायेंगे….
तो दोस्तों में आपको ये बात बता दूं कि खुद को सकारात्मक करना आसान नहीं है….Think positive in hindi

अगर आपको सकारात्मक विचार लाने है तो आपको सब कुछ भुलना होगा….और खास बात कि लोगो से आशा रखना छोड़ना होगा…

जैसे कि मैंने उसके लिए ऐसा किया है तो वो भी मेरे लिए ऐसा करेगा…जैसे आप जो सोचते है वैसा ही सभी सोचने लगे तो दोस्तों ऐसा बिलकुल भी संभव नहीं है…

और अगर आप किसी के लिए भी कुछ करते है तो कर के भुल जाए…और कभी भी किसी से भी कोई उम्मीद ना रखे….

खुद को सकारात्मक रखे 

क्योंकि सभी लोग स्वार्थी है….हर कोई एक दुसरे से स्वार्थ की वजह से जुड़ा हुआ है…कोई भी अगर मुझे ऐसा कह दे कि वो स्वार्थी नहीं है तो में लिखना छोड़ दुंगा….

माफी चाहता हूं थोड़ा टॉपिक से हट गया मैं….तो दोस्तों जैसा कि मैने कहा कि सकारात्मक विचारों की ओर कैसे जाए…तो उसका सबसे आसान तरीका यह है कि इसका कोई भी तरीका नहीं है…..

जी हां दोस्तों खुद को सकारात्मक करने का कोई तरीका नहीं है….इसके लिए आपको सबसे पहले खुद से प्यार करना होगा उसके बाद संसार से प्यार करना होगा……

दुनियां मैं हमारे साथ जो कुछ भी हो रहा है उसे प्रभु की देन मानना होगा…चाहे गलत हो या सही हो…आपने अक्सर लोगो के मुंह से तो ये सुना ही होगा….. जब लोगो के साथ बुरा होता है तो जो भगवान कर रहा है वो सही कर रहा है….

भगवान ने कुछ अच्छा ही सोचा होगा हमारे लिए…बस अब कुछ नहीं बचा अब हमे यही मान लेना चाहिए कि “हरि करे सो खरी”

प्रभु ने हमें धरती पर भेज कर जितना भी वक्त दिया है…उस वक्त को अच्छे से खुशी-खुशी जीना है…..कुछ बुरा या कुछ भी भला नहीं होता दोस्तों….ये बस मनुष्य की बुद्धि का प्रोब्लम है जो किसी चीज़ को बुरा तो किसी चीज़ को सही मानता है….

सकारात्मक सोचो,पॉजिटिव सोचो,ऐसा सभी लोग कहते है पर क्या आपको पता है कि इसके फायदे क्या है….

हमारी सबसे बड़ी समस्या यही है कि हमारा दिमाग या हमारी बुद्धि जिस किसी चीज़ को गलत मानती है तो हम उसे गलत और सही मानती है उसे सही मान लेते है….

और हमारे उसी नज़रिए को लेकर हम दुनियां के पीछे भी अपना ज्यादा से ज्यादा वक्त ज़ाया करते है….

और खुद का ना सोच कर दुनियां की बातों के पीछे अपना दिमाग खराब करते रहते है….हमें खुद को शांत रखना होगा और बस कर्म करते जाओ अच्छा सोचते जाओ….

अपनी ज़िन्दगी जीते जाओ…और हम से अगर किसी का भी अच्छा होता है वो करते जाओ…कभी भी किसी के लिए भी बुरा ख्याल अपने मन में मत रखों….

अगर आपको किसी से भी कोई भी प्रोब्लम है तो उसे साफ शब्दों में कह दो अपने दिमाग पर दुनियां का बोझ लेकर मत चलो….आपकी ज़िन्दगी अपने आप ही हसीन बन जाएंगी..और आप सकारात्मक भी बन जाएंगे…….

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