दोस्तो में आपको वो बात बताऊंगा जिससे आप अपने बचपन से आप सुनते हुए बड़े हुए है…और ये बात आपको आपके बड़ो ने…स्कुल मे शिक्षक ने….हर किसी ने बोला होगा ओर जैसा कि हम कभी किसी की बात नहीं सुनते वैसे ही हमने इस बात को भी अपने कानों से होते हुए जाने दिया…anushasan ka mahatva in hindi
कुछ समझे…मैं बात कर रहा हुं “अनुशासन” शब्द की…हा हा हा मुझे पता है मुझसे भी ये शब्द सुनकर भी आप यहीं फील कर रहे होंगे फिर से आपको वहीं बकवास बाते सुननी पडेंगी पर “डोंट वरी” में आपको कुछ अलग तरीके से बताऊंगा…
आपने स्कुल टाइम में देखा होगा जो कि जो बच्चा अच्छे से पढ़ाई नहीं करता या क्लास मे ज्यादा शैतानी करता है तो शिक्षक उसे समझाता है.. फिर भी अगर वो नहीं समझता तो वो किसी अच्छे या पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी के पास बैठने को बोलते है…
Anushasan ka mahatva in hindi jivandarshan
कभी आपने सोचा ऐसा क्यों होता है….वो तो आप भी जानते है कि अच्छे विद्यार्थी के पास बैठने से वो वैसा नहीं बनेगा पर उस अच्छे विद्यार्थी के हाव- भाव,चाल- चलन ओर सबसे महत्वपुर्ण जिस पर हम गौर नहीं करते वो उसके अनुशासन का असर पड़ता है…
उस अच्छे विद्यार्थी के काम करने का तरीका पढ़ने का तरीका..टाइम टू टाइम काम का तरीका… वो ना चाहते हुए भी उस पर पड़ता है…ओर आपने अपने बड़ो से भी ये सुना ही होगा कि संगत का असर….यही अनुशासन है…anushasan ka mahatva in hindi
दोस्तो में आपको एक ओर सरल उदाहरण से ये बात समझाता हुं बहुत से लड़के अगर अपनी लाइफ में सक्सेज़ नही हो पाते है या अपनी लाइफ को सीरियस नहीं लेते है तो आपने घर वालो के मुंह से ये बात ज़रूर सुनी होगी कि इसकी शादी करवा दो अपने आप सुधर जाएगा….
मेरी बात का ये मतलब मत निकालना की लड़के ही शैतान होते है लड़कियो के लिए भी यहीं कहा जाता है कि इसके हाथ पीले कर दो ससुराल जाने के बाद सब सीख जाएगी…में फिर से अपनी बात पर आता हुं जब लड़के की शादी कर दी जाती है तो वो जब अपने ससुराल जाता है तो उसे अलग सम्मान मिलता है…
ज़िन्दगी की दौड़ में कमीटमेंट का महत्व
साथ ही रिश्तेदार भी ये सवाल उसकी पत्नी के सामने ही पुछते है कि क्या करते हो आप…(दोस्तो मेरी बातों को अच्छे से समझना नही तो दिमाग से स्लीप हो सकती है…)
साथ मे ही जब उसकी पत्नी की छोटी सी जरूरत को पुरा करने के लिए वो अपने पिता या माता के सामने हाथ फैलाता है….तब उसे उन चीज़ो का पता चलता है…जब वो चिज़े उसे बुरा लगने लगती है…
तब वो कुछ भी काम करने को तैयार हो जाता है…और जब वो कोई भी काम की शुरूआत करता है…उसमें अपना शत प्रतिशत देता है..ओर ओर ना चाहते हुए भी वो अपने आप उस अनुशासित लाइन में आ जाता है ओर सक्सेज़ हो जाता है…
दोस्तो आप अपने आस-पास गौर से देखना आपको बहुत से उदाहरण मिलेंगे…और आपको ये भी देखने मिलेगा की बहुत से लोग बचपन में अनुशासित होते है…
बाद में वो अनुशासन से हटते ही सब कुछ गवाह देते है ओर अपनी किस्मत को दोष देने लग जाते है…और जो लोग कुछ नहीं करते थे वे लोग जब अनुशासित लाइफ में आते है तो बहुत कुछ कर लेते है…
इन बातों को कहने काका एक ही मतलब है कि हमारी ज़िन्दगी बिना अनुशासन के कुछ भी नहीं है..जो लोग मेरी पोस्ट पढ़ रहे है उनसे मेरा निवेदन है कि जो बाते आपको गलत या सही लगे तो कमेंट जरूर करे अगर अच्छी लगे तो शेयर जरूर करे…
धन्यवाद
जैसा की आपने कहा अच्छी संगती से हम अनुशाषण सीखते है पर मेरे केस में एक प्रॉब्लम है मेरा तो ग्रुप और फ्रेंड सर्किल सब अनुशाषणहीन है , और मेरी शादी की उम्र भी नहीं हुई है तो में कैसे अपना अनुशाशन विकसित करू .
हा हा हा सबसे पहले तो आप ये बात मानते हो कि आप अनुशासित हो….तभी आपने अपने दोस्तो को अनुशासनहीन कहा..इस बात से ज़ाहिर होता है कि आप मुझे समझ गए…औऱ आपकी संगती से ही आपके दोस्त अनुशासन को समझेगे..ये पोस्ट आप अपने दोस्तो को जरूर पढ़वाए…