Jealousy in hindi by jivandarshan

क्या आपसे भी लोग ईष्या करते है ?(Jealousy in hindi)

Jealousy in hindi – दोस्तों आज बात करेंगे समाज से जुड़े हुए एक बहुत ही महत्वपुर्ण मुद्दे की जो है ईष्या…. वैसे तो यह हर किसी में पाई जाती है पर किसी में कम तो किसी में बहुत ज्यादा..

लोगो के इस भाव से उनकें अंदर दुसरी कई और प्रकार की बुराईयां जन्म लेने लगती है जिसका शायद उन्हें भी पता नहीं होता ।

आजकल इंसान स्वार्थ से इतना भर गया है कि उसे अपने स्वार्थ के अलावा कुछ नहीं दिखता ।

लोगो के लिए खुद की जान महत्वपुर्ण है अपने बच्चों की जान महत्वपुर्ण है पर दुसरों की उन्हें कोई चिंता नहीं होती। साथ ही लोगो को ऐसा लगता है कि वे बड़े समझदार है बाकी सब मुर्ख ।

पर ऐसा नहीं होता आजकल सब समझदार हो गए है। साथ ही उन्हें लगता है कि अपना काम बनता और भाड़ में जाए जनता ।

कुछ लोग ऐसे भी होते है -Jealousy in hindi

कुछ लोग तो ईष्या की वजह से जब कोई किसी की मदद कर रहा होता है तो उसे भी घुमराह करते है और उसे भी मदद के लिए रोकते है…

अरे यार तुम तो किसी मदद नहीं कर पा रहे हो पर जो कर रहा है उसे तो करने दे…पर नहीं उन्हें वो भी स्वीकार्य नहीं है…

कुछ लोग तो अपने रिश्ते नाते भी भुल चुके है। वो प्रेम जो पहले होता था वो आज खत्म हो गया है। हर कोई बस अपने में ही रहने लग गया है। सबको ये है कि

हमें आगे से सब मान सम्मान दे आगे से आकर हमें बोले…तो ऐसा नहीं होता सम्मान दोगे तो सम्मान मिलेगा…और सम्मान के लायक भी होना पड़ता है तब मिलता है सम्मान ।

जब व्यक्ति किसी भी मामले में कम होता है तो लोग उसे ताने मारते है..उसे निचा दिखाने का कोई मौका तक नहीं चुकते…

और जब वहीं व्यक्ति आगे बढ़ जाता है तो खुश होने के बजाय उससे ईष्या करना शुरू कर देते है…Jealousy in hindi

अगर आपसे कोई छोटा है और वो आगे बढ़ रहा है या अपनी ज़िन्दगी अच्छे से जी रहा है तो आपको तो खुश होना चाहिए। पर आप लोगो को किसी की खुशी तक बर्दाश्त नहीं होती ।

आप लोगों के बीच जाकर कैसा महसुस करते है ?

यार अगर तुम्हारा कोई भी रिश्तेदार या जिसके भी आप संपर्क में हो वो अगर आगे बढ़ता है तो आपको खुश होना चाहिए ना कि आप उससे ईष्या करने लगे।

वैसे मेरी इन बांतो का कोई मतलब नहीं है पर लोगो से में यही कहना चाहता हूं कि अगर कोई भी आपका अपना अगर तकलीफ में हो तो अगर आप उसकी मदद किसी और रूप में नहीं कर सकते तो कम से कम उससे बात करके उसे सकारात्मक जरूर करे…

इससे कम से कम वो मानसिक रूप से तो सही रहेगा । पर मैंने देखा की अपने रिश्तेदार ही हमें और ज्यादा नकारात्मक करते है उन्हें तो कुछ समझ आता नहीं ओर फिजूल की राय देकर आगे वाले को पुरा नकारात्मक कर देते है ।

लोग अपने अहंकार को कभी भी नहीं भूल सकते है। उन्हे सब गलत ही लगते है वे खुद नहीं देखते की वे कितने गलत है।

साथ ही बता दूं कि बुरे वक्त में जो आपके काम आता है आपका साथ नहीं छोड़ता उसे आप कभी ना भूले ।

और बुरे वक्त में जो भी आपके काम नहीं आता चाहे वो आपका भाई हो बहन हो या आपकी संतान या कोई भी रिश्तेदार हो ऐसे व्यक्ति से आपको कोई संबंध नहीं रखने चाहिए..

क्योंकि ऐसे लोग केवल सुख के साथी होते है जिनसे रिश्ते रखने का कोई मतलब नहीं है….

धन्यवाद

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