साधना पथ पर आप सब का स्वागत……ध्यान कोई नया विषय नहीं जिस पर आज मै चर्चा कर रहा हुं। आज सिर्फ अपनी बात कहुंगा । जीवन आनंद साधना …..
जीवन आनंद साधना यानि आनंद को पाने की साधना
यानि आनंद को पाने की साधना…..यह ध्यान करने की नहीं समझने की साधना है…बस इतना समझ ले कि यह ध्यान की राह पर चलने वाले पथिको का पहला कदम है।
सच मै तो यह स्वयं को पहचानने की साधना है।
अब थोडा अपने पर गौर करे…
कभी किसी को देख कर खुश तो कभी नाराज…कभी बहुत अच्छा लगता है तो कभी बहुत अवसाद….कभी दुनिया हसीन लगती है तो कभी दुनिया छोड़ देने की इच्छा…होता है ना यह सब…बस इन्ही रहस्यों को समझने की कला है…जीवन आनंद साधना….
यह साधना खुद को समझने की साधना है….यहाँ हम अपना ही बारीक़ मूल्यांकन करेगे..सही गलत का भेद समझेगे..और इसी समझ के बाद भीतर के शोधन की प्रक्रिया स्वत ही शुरू होगी…इतना पता चल जायेगा की गलत और सही क्या है….और यह कहा से आते है….खुद को समझना और बदलना…..
बस यहाँ से ही बदलाव यानि साधना मार्ग पर पहला कदम रखेगे …अब तक हमने दुसरो को बदलने की कोशिश की और चाहा की वो हमारे अनुरूप चले …चला तो ठीक वर्ना हम नाराज….और अब हम खुद को समझ चुके है तो बदलाव भी हमसे ही होगा….
जीवन आनंद साधना…खुद को बदलने की साधना है…जो हमें चाहिये वो ही देने के भाव भीतर जाग्रत करने की साधना है….यह जीवन में आनंद की साधना है….और आनंद प्रेम, शांति, सरलता, सेहत और समर्द्धता की समरसता से ही आयेगे…..बस जिस भाव से हमें चाहिए उसी भाव से देने का रास्ता ही जीवन आनंद साधना है…..
जीवन आनंद साधना ….ध्यान की शुरुआत है…..यहाँ हम स्थूल शरीर और सूक्ष्म शरीर के आध्यत्मिक दर्शन को समझेगे….दोनों का एक दूजे से संबध और जीवन पथ पर इनके प्रभाव का मर्म करीब से देखेगे…मन के विज्ञान को टटोले….मन के रोग और शरीर पर प्रभाव….घर-परिवार में नेगेटिव उर्जा के रहस्य समझेगे…
…..जीवन आनंद साधना खुशहाल जीवन जीने के कला है…..इतना तय है की दो दिन की यह साधना आपकी पुरे जीवन की दिशा बदल देगा….आप हर दिन उत्सव की तरह उल्लासित रहेंगे…..
हा….आप चाहेगे तो आपको ध्यान की उंची अवस्था चाहने वाले साधको के संग अगले चरण मै नाद-त्राटक ध्यान यात्रा और चक्र शोधन कुंडलिनी जागरण साधना की राह पर भी ले चलेगे….. और हा अंत में इतना ही कि साधना के इस मार्ग पर ले जाने वाले तो जगदगुरु ही है….मै तो मात्र एक माध्यम ही हु….देने वाले वो है और पाने वाले आप…..ॐ गुरवे नमः….
धन्यवाद
दिव्यराज दीपक
Thanks, god thought, good bless you.
Thanks You so much by Divyaraj deepak