Navjivan ke anand ki sadhna hindi-ॐ गुरवे नमः……यू तो हर रोज नया जन्म है…..नींद शरीर का समाधि स्वरूप ही है…..
छह से आठ घंटे कैसे गुजरे कुछ पता नहीं….सुबह आँख खुलने पर नया दिन शुरू होता है……उस वक्त याद आया तो भगवान को एक पल अच्छे दिन के लिए याद कर लेते है…..
पर ऐसा कभी कभी ही होता है…..अक्सर उठते ही हम तनाव से है……Navjivan ke anand ki sadhna hindi
चिडचिडा सा अंदाज…..देरी से उठना ….गुस्से से शुरुआत….
……..आखिर यह सब क्या है…..उठते ही इतनी बैचैनी क्यों…..जबकि जागने पर ताजगी होनी चाहिए….पर नया दिन, नया संसार, नई उम्मीदे…..पर होता इससे उलट क्यों है……
…..हमें लगता है कि सोने के बाद सब दूर शांति छा गई…..बस यही तो हमारी चुक है……..
सोने के बाद स्थूल शरीर तो शांत.हो गया……..पर, भीतर यानि सूक्ष्म शरीर में बड़े पैमाने में शौर है….उथल-पुथल है……हलचल है …..
रात सोने से पहले हमने सूक्ष्म शरीर तक क्या पहुंचाया……यह ज्यादा महत्वपूर्ण है…..
साधना ..कहीं सन्यासी ना बना दे (sadhna Kahi sanyasi na bana de)
…….दिन भर तनाव, गुस्सा, नकारात्मक चिंतन और रात होते होते इन सब के डर का दंश…….बस इन्हीं मनोभावों के साथ नींद की आगोश में……
रात को सोते वक्त जिन भावो के साथ आँखे बंद हुई…..बस इन्ही भावो से साथ सुबह की शुरुआत…..
तय हमें करना है….कि हमें जीवन कैसा जीना है……एक नींद हर रोज सुबह की शुरुआत तनाव, डर, अवसाद और तंगी के साथ पूरी होती है……
…….तो वही नींद सकरात्मक उर्जा के साथ भी शुरू हो सकती है…..यहाँ प्रेम है, शांति है,…. सरलता है….सेहत है…..सम्पति है…..जीवन में उत्सवो की तरह उल्लास है…..
यू साल दर साल गुजरते जा रहे है…..और कभी खुद को तो कभी जिन्दगी को कौस रहे है……
……..साथियों आयो इस बार आध्यात्म की सौंधी-सौंधी महक के साथ जीवन को खिलखिला दे…… साधना ही नए जीवन के आनंद की शुरुआत है……
जगदगुरु स्वरुप सभी दिव्य शक्तिया और सिद्धिया का खजाना हमारे भीतर ही है…..
प्रेम, उत्साह, उल्लास, सेहत, शांति,सम्पति और सकारात्मक उर्जा से भरी नींद का रहस्य समझना ही साधना पथ का पहला कदम है…..
हमें इसको पाने की उर्जा जाग्रत करना ही समझना है……आनंद ध्यान अमृत…..की….. जीवन आनंद साधना….इन्ही सवालों का समाधान है……
धन्यवाद
दिव्यराज दीपक
अति उत्तम। यही जीवन का रहस्य है। इसमें लगातर मार्गदर्शन अपेक्षित है। सादर
Jai ho apki ishvar apko 10000 saal ki umr de hamari kamna he
Atma or jankalyan hi jivan ka udheshya he apka nice
धन्यवाद