think different in hindi

think different in hindi-दोस्तों क्या आप जानते है कि दुनिया से हटकर सोचना बहुत आसान है पर आप वो कभी नहीं कर पाते है उसके

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stop killing time in hindi jivandarshan

stop killing time in hindi-दोस्तों बहुत से लोग सफल नहीं हो पाते ओर किसी ना किसी को दोष देते रहते है…. पर उन असफल लोगो

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1.ततश्चानुदिनं धर्मः सत्यं शौचं क्षमा दया । कालेन बलिना राजन् नङ्‌क्ष्यत्यायुर्बलं स्मृतिः ॥ अर्थ:- कलियुग में धर्म, स्वच्छता, सत्यवादिता, स्मृति, शारीरक शक्ति, दया भाव और

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Jyada sochne se kaise bache in hindi jivandarshan

ज्यादा सोचना हमारे लिए खतरनाक दोस्तों हमारे दिमाग की मशीन दिन रात शुरू रहती है पहले के दौर में इतना ज्यादा सोचना नहीं होता था..इसका

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अध्याय प्रथम श्लोक 36 से 37 क्या अर्जुन के मन में पक्षपात करने की भावना थी ? निहत्य धार्तराष्ट्रान्नः का प्रीतिः स्याज्जनार्दन। पापमेवाश्रयेदस्मान्हत्वैतानाततायिनः।।36।। अर्थः- हे

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चाणक्य ने बताई हैं वे परिस्थितियां जो बताती हैं कि मित्र अच्छा है या बुरा… व्यक्ति को आने वाली मुसीबतों से निबटने के लिए धन

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अध्याय प्रथम श्लोक 35 क्या अहिंसा का पालन सबको करना चाहिये ? एतान्न हन्तुमिच्छामि घ्नतोऽपि मधुसूदन। अपि त्रैलोक्यराज्यस्य हेतोः किं नु महीकृते।।35।। अर्थः- हे मधुसुदन

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shrimad bhagwat geeta in hindi

shrimad bhagwat geeta in hindi-अध्याय प्रथम श्लोक 33 से 34 अर्जुन युद्ध क्यों नहीं करना चाहता था ? येषामर्थे काङ्क्षितं नो राज्यं भोगाः सुखानि च।

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krishna arjun jivandarshan

अध्याय प्रथम श्लोक 31 से 32 मैं लक्षणों को भी विपरीत ही देख रहा हूं ऐसा अर्जुन ने क्यों कहां ? निमित्तानि च पश्यामि विपरीतानि

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अध्याय प्रथम श्लोक 27 के उत्तरार्ध से श्लोक 30 तक युद्ध में अर्जुन कांपने लगा तथा उसके हाथ से धनुष भी गिर गया क्यों ?

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अर्जुन में करूणा उत्पन्न होना गलत कैसे है ?(bhagvad geeta ka updesh in hindi)

अध्याय प्रथम (bhagvad geeta ka updesh in hindi) श्लोक 26 से 27 तत्रापश्यत्स्थितान्पार्थः पितृ़नथ पितामहान्। आचार्यान्मातुलान्भ्रातृ़न्पुत्रान्पौत्रान्सखींस्तथा।।26।। श्वशुरान्सुहृदश्चैव सेनयोरुभयोरपि। तान्समीक्ष्य स कौन्तेयः सर्वान्बन्धूनवस्थितान् ||27 का पूर्वार्ध||

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